Monday, October 27, 2014

चार दिवसीय कार्तिक छठ पूजा आरंभ









चार दिवसीय छठ पूजा की तैयारी पूरी
नहाय खाय के साथ छठ प्रारम्भ
धीरज पाण्डेय
ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, पौराणिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण सौर तीर्थस्थल देव समेत पूरे औरंगाबाद जिले में श्रद्धालुओं एवं छठव्रती नर-नारियों द्वारा आज नहाय-खाय के धार्मिक कृत्य के सम्पादित करने के साथ ही लोक आस्था का पवित्र पर्व चार दिवसीय छठ व्रत का अनुष्ठान आरंभ हो गया है। इस बीच छठव्रत का अनुष्ठान करने के लिए समीपवर्ती प्रदेष झारखंड, उतर प्रदेष, मध्य प्रदेष, छतीसगढ़, बंगाल एवं राज्य के कोने-कोने से छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं का छठ व्रत करने के लिए देव आना आरंभ हो गया है। छठ व्रत के प्रथम दिन आज देव समेत पूरे जिले में श्रद्धालुओं एवं छठ व्रतियों ने अंतः करण की शुद्धि के लिए पवित्र सूर्यकुंड के अलावा जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थित पवित्र नदियों व सरोवरों में पवित्र स्थान किया गया । स्नान के बाद महिलाओं ने नदी व कुंओं के शुद्ध जल से कद्दू-भात बनाया और इसे परिजनों, बन्धु-बांधनों एवं इष्ट मित्रों के साथ ग्रहण किया। नहाय खाय के बाद छठव्रतियों द्वारा कल शाम में खरना किया जायेंगा .
चार दिवसीय छठ पूजा की तैयारी पूरी 
नहाय खाय के साथ छठ प्रारम्भ 
धीरज पाण्डेय 
ऐतिहासिक, धार्मिक, आध्यात्मिक, पौराणिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण सौर तीर्थस्थल देव समेत पूरे औरंगाबाद जिले में श्रद्धालुओं एवं छठव्रती नर-नारियों द्वारा आज नहाय-खाय के धार्मिक कृत्य के सम्पादित करने के साथ ही लोक आस्था का पवित्र पर्व चार दिवसीय छठ व्रत का अनुष्ठान आरंभ हो गया है। इस बीच छठव्रत का अनुष्ठान करने के लिए समीपवर्ती प्रदेष झारखंड, उतर प्रदेष, मध्य प्रदेष, छतीसगढ़, बंगाल एवं राज्य के कोने-कोने से छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं का छठ व्रत करने के लिए देव आना आरंभ हो गया है।  छठ व्रत के प्रथम दिन आज देव समेत पूरे जिले में श्रद्धालुओं एवं छठ व्रतियों ने अंतः करण की शुद्धि के लिए पवित्र सूर्यकुंड के अलावा जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थित पवित्र नदियों व सरोवरों में पवित्र स्थान किया गया । स्नान के बाद महिलाओं ने नदी व कुंओं के शुद्ध जल से कद्दू-भात बनाया और इसे परिजनों, बन्धु-बांधनों एवं इष्ट मित्रों के साथ ग्रहण किया। नहाय खाय के बाद छठव्रतियों द्वारा कल शाम में खरना किया जायेंगा .
Like

No comments:

Post a Comment

_होली खेल है जाने सांवरिया_*.......

 *🌹रा धा स्व आ मी🌹* *_होली खेल है जाने सांवरिया_* *_सतगुरु से सर्व–रंग मिलाई_* फागुन मास रँगीला आया।  घर घर बाजे गाजे लाया।।  यह नरदेही फा...