प्रस्तुति- मालिनी रॉय
डेहरी अॉन सोन
विश्व मलेरिया दिवस के मौके पर उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि हर साल दुनिया भर में एक करोड़ लोगों की मौत मलेरिया से होती है. इनमें से देश में 50 हजार लोग भारत में शिकार होते हैं.
एसोचैम के सीएसआर फाउंडेशन ने मलेरिया के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आज एक अभियान की शुरूआत करते हुए यह जानकारी दी. एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने बताया कि अभियान के तहत पांच मेट्रो शहरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, चेन्नई और कोलकाता में लोगों को पानी और मच्छरों से होने वाली बीमारियों पर जानकारी दी जाएगी. लोगों को मलेरिया, डायरिया, हैजा, पेट की जलन से बचाव के उपाय बताए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि इसके लिए झुग्गियों और अन्य ऐसे इलाकों में सामुदायिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा जहां गंदगी रहती है. लोगों को उनके आसपास साफ सफाई रखने, मच्छरदानी लगाकर सोने और बुखार होने पर खून की जांच कराने की सलाह दी जाएगी.
रावत ने बताया कि देश में 75 प्रतिशत पीने का पानी किसी न किसी कारण से प्रदूषित है. इस पानी को पीकर लोगों के बीमार पड़ने के कारण देश को सालाना सात करोड़ कार्यदिवसों का नुकसान होता है. आईबी/एएम (वार्ता)
उन्होंने बताया कि इसके लिए झुग्गियों और अन्य ऐसे इलाकों में सामुदायिक बैठकों का आयोजन किया जाएगा जहां गंदगी रहती है. लोगों को उनके आसपास साफ सफाई रखने, मच्छरदानी लगाकर सोने और बुखार होने पर खून की जांच कराने की सलाह दी जाएगी.
रावत ने बताया कि देश में 75 प्रतिशत पीने का पानी किसी न किसी कारण से प्रदूषित है. इस पानी को पीकर लोगों के बीमार पड़ने के कारण देश को सालाना सात करोड़ कार्यदिवसों का नुकसान होता है. आईबी/एएम (वार्ता)
- तारीख 24.04.2014
- कीवर्ड मेलेरिया, सेहत, बीमारी, मौतें
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