धवस्त होने के कगार पर है
जिला प्प्रशासन एवं पर्यटक विभाग के लापरवाही का भेट चढ़ सकता है यह मंदिर
खे तस्वीरों में कैसे धवस्त होने के कगार पर पहुँच गया है मंदिर का गुम्बद
धीरज पाण्डेय
औरंगाबाद के ऐतिहासिक , पौराणिक एवं धार्मिक द्रिस्टीकोण से अति महत्वपूर्ण एवं मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ी पर अवस्थित सूर्य मंदिर इन दिनों धीरे धीरे ध्वस्त होने के कगार पर है , बताते चले की इस सूर्य मंदिर के पत्थरो पर यूँ कहे तो पूरे मंदिर पर ही छोटे छोटे पौधे उग आये है और मंदिर के गुम्बद के पास की पत्थर धीरे धीरे अपनी जगह को छोड़कर हट रही है जिससे मंदिर के गुम्बद गिरने की सम्भावना बढ़ गई है , जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार द्वारा इसके विकास एवं इसकी सौंदर्यीकरण के लिए कई बार घोषनाये की है मगर आज तक उसको अमली जाम नहीं पहनाया गया है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है की पुरातत्व विभाग , पर्यटन बिभाग एवं जिला प्रशासन ने इसकी कभी लेनी की कोशिस भी नहीं की जिसके कारण उमगा मंदिर का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है , बताते चले की पिछले दिनों देव सूर्य मंदिर के पिछले हिस्से से पत्थर का एक टुकड़ा टूट जाने से जिला पप्रशासन एवं न्यास समिति की नींद उड़ गई थी , लेकिन यहाँ तो मंदिर के गुमबद ध्वस्त होने के कगार पर पहुँच चूका है। अब सवाल यह उठता है की आखिर इस मंदिर का काया कल्प होगा भी या धीरे धीरे यह अपने अस्तित्व को खो देगा।
जिला प्प्रशासन एवं पर्यटक विभाग के लापरवाही का भेट चढ़ सकता है यह मंदिर
खे तस्वीरों में कैसे धवस्त होने के कगार पर पहुँच गया है मंदिर का गुम्बद
धीरज पाण्डेय
औरंगाबाद के ऐतिहासिक , पौराणिक एवं धार्मिक द्रिस्टीकोण से अति महत्वपूर्ण एवं मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ी पर अवस्थित सूर्य मंदिर इन दिनों धीरे धीरे ध्वस्त होने के कगार पर है , बताते चले की इस सूर्य मंदिर के पत्थरो पर यूँ कहे तो पूरे मंदिर पर ही छोटे छोटे पौधे उग आये है और मंदिर के गुम्बद के पास की पत्थर धीरे धीरे अपनी जगह को छोड़कर हट रही है जिससे मंदिर के गुम्बद गिरने की सम्भावना बढ़ गई है , जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार द्वारा इसके विकास एवं इसकी सौंदर्यीकरण के लिए कई बार घोषनाये की है मगर आज तक उसको अमली जाम नहीं पहनाया गया है। इन सबके बीच सबसे बड़ा सवाल यह है की पुरातत्व विभाग , पर्यटन बिभाग एवं जिला प्रशासन ने इसकी कभी लेनी की कोशिस भी नहीं की जिसके कारण उमगा मंदिर का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है , बताते चले की पिछले दिनों देव सूर्य मंदिर के पिछले हिस्से से पत्थर का एक टुकड़ा टूट जाने से जिला पप्रशासन एवं न्यास समिति की नींद उड़ गई थी , लेकिन यहाँ तो मंदिर के गुमबद ध्वस्त होने के कगार पर पहुँच चूका है। अब सवाल यह उठता है की आखिर इस मंदिर का काया कल्प होगा भी या धीरे धीरे यह अपने अस्तित्व को खो देगा।
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