धीरज पांडेय, चंदन कुमार सिंह
सूर्य नगरी देव स्थित पवित्र सूर्यकुन्ड में लाखों व्रतियों ने उदयीमान सुर्य को आज अपना दुसरा अध्र्य अर्पित किया। छोटे से इस कुन्ड के चारों तरफ मानो श्रद्धालुओं का हुजूम उमड पडा था। कुछ इस हद तक कि मानों तील रखने भर की जगह भी खाली नहीं बचा हो। हर कोई इस फिराक में था कि वह जल्द से जल्द कुन्ड तक पहूँचे और धार्मिक दृश्टीकोण से अति महत्वपूर्ण इस कुन्ड में डूबकी लगाकर भगवान भाष्कर को अपना अध्र्य अर्पित कर सके। गौरतलब है कि देव में छठ पूजा का अनुश्ठान करने का एक अलग महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य यहाँ साक्षात विद्यमान हैं और जो कोई भी सच्चे मन से यहाँ आ कर छठी मईया की पूजा अराधना करता है, भगवान उनकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। अपना अध्र्य अर्पण कर छठ व्रती पोखरे से दंडवत करते हुये सुर्य मंदिर पहुंचते हैं जहां तीनों रूपों में विराजमान भगवान भाष्कर के दर्शन करते हैं । गौरतलब है कि पुरे विश्व में देव ही एक ऐसा स्थान है जहां छठ व्रती यानि उदयाचल , मध्याचल एवं अस्ताचलगामी पवित्र सुर्यकुण्ड मे तीनो पहरअपना अध्र्य अर्पण करते हैं ।
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