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सुखी पारिवारिक जीवन जीने के लिए वर वधू व उनके माता पिता को मेरिज पंचायत दयालबाग के सुझाव 🙏
एक बहुमुल्य ओषधियाँ अनमोल नुक्से🙏
1- वर वधू दोनों के लिए सुझाव🙏
1- आप दोनों साफ पट्टी पर, सकारात्मक दिष्टकोण से, बिना किसी मतभेद के अपने वैवाहिक जीवन को शुरू करें|
2-
मुक्त रुप से वार्तालाप जारी रखें, और मतभेदों के बिना एक दूसरे से छिपाए,
बात चीत कर सुलझाते रहे| छोटी_मोटी कमियों पर ध्यान न देकर एक दूसरे के गुणों की सरहाना करें|
3-
एक दूसरे के अधिकारों व भावनाओ का सम्मान करिये|
यदि पत्नी द्वारा नौकरी करने के प्रश्न का पहले से हल न लीया गया हो, तो एक दूसरे के अधिकारों का सम्मान करते हुए आपस में विचार विमर्श करके हल निकाले,
ऐसी हालत में घर का काम और बच्चों के लालन पालन के विषय में भी विचार कर लें|
पत्नी को उसकी आय का कुछ हिस्सा अवश्य उपयोग करने दें|
4-
आप दोनों एक दूसरे के परिवारों का सम्मान करें|
उनसे सीखें और उनकी परामर्श और आलोचना को, यदि कुछ हो तो सही मनोभाव से मान ले|
5-
अन्तर्जातीय विवाह में सांस्कृतिक समायोजन के लिए समय व धैर्य की आवश्यकता होती है|
6-
बच्चों के पैदा हो जाने पर उनके समक्ष सही सतसंगी जीवन, विशेष सतसंग आर्दशों को जीने का उदाहरण प्रस्तुत करना, हर एक दम्पति का लक्ष्य होना चाहिए|
7-
समान रुचियां विकसित करनी चाहिए, जिससे कामों में हाथ बटाया जा सकें,
पति पत्नी को एक दूसरे के काम और रोजगार में सकारात्मक रुचि लेनी चाहिए||🙏
2- वर के लिए सुझाव
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1-
परिवार की धुरी होने के कारण आपको सर्तक, अच्छा, पक्षपात रहित सबकी सुनते हुए, बात चीत करते हुए, सभी परिवारजनों की इच्छा और आवश्यकता की पूर्ति, प्यार और धर्य से करते रहना होगा|
यह संतुलन बनाए रखने वाली क्रिया एक कठिन कार्य है, परन्तु इसे जीवन भर करना होगा|
2-
समझदारी और प्रेम से अपनी पत्नी की मदद इस प्रकार करें कि वह आपके परिवार में घुलमिल जाए,
जिससे वह आपके माता पिता व परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने में आपकी मदद कर सकें|
3-
परिवार की दो प्रमुख कुंजियां -आपकी माता और आपकी पत्नी है,
एक ने आपको जन्म दिया है, और दूसरी आपका भविष्य है, उन दोनों को किसी की अवहेलना किए बगैर, खुश रखें, जिससे वह दोनों अन्य सभी की देखभाल करें,
इस बारे में हुजूर मेहता जी महाराज के दिए परामर्श का पालन करें|
4-
ईमानदारी व परिश्रम से कमाई करें,
अपनी पत्नी के माता पिता से कुछ भी मागना हेय है, चाहे व माग किसी भी प्रकार की हो,
आपके माता पिता जो वुर्जग हो रहे हैं, उनकी पूरी तरह से देख भाल करें|
उनको आपके धन से अधिक आपके प्रेम व समय की आवश्यकता होती हैं||🙏
3- वर की माता के लिए सुझाव 🙏
1-
वधू का स्वागत खुले मन व खुले दिंमाक से करें|
अपनी पुत्री के समान करें,
दहेज की बात कदापि न करें|
वधू के अवगुणों को नजरअंदाज करते हुए उसके गुणों की प्रशंसा करें,
और बहुत जल्दी अधिक आशाएँ न करें|
2-
नवविवाहित दम्पति के निजी जीवन में दखल दिए बिना, वधू को प्रेम व दयालुता और धैर्य से अपने परिवार में सामिल होने में सहायता करेे|
और यह स्वीकार करें कि अब आपके पुत्र के प्रेम की भागीदार आपके साथ साथ उसकी पत्नी भी है|
3-
दम्पति के निजी सम्बन्धों में हस्तक्षेप न करें||🙏
4- वर के पिता के लिए सुझाव🙏
1-
अपने परिवार में होने वाली समस्याओं पर नजर रखें,
2-
अपने पुत्र व पुत्र वधू को समान दृष्टि से देखें||🙏
5-
वधू के माता व पिता दोनों के लिए सुझाव
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1-
आप अपनी पुत्री को ऐसी शिक्षा दें,
जिससे वह अपने पति के परिवार में पुरी तरह से समायोजन कर सकें|
अपने सच्चे प्रयासों, धैर्य, दीनता और बडो़ के प्रति सम्मान द्वारा उनका प्रेम व दिल जीत सकें|
2-
अपनी पुत्री के पारिवारिक मामलों में कदापि हस्तक्षेपं ना करे,
और यदि जरुरी हो तो उसे अपना पूरा भावात्मक संरक्षण दें और अपनी हेसियत के अनुसार आथिर्क संरक्षण भी दें||🙏
6- वधू के लिए सुझाव
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1- केवल अपने पति के प्रति ही नहीं बल्कि उनके सभी परिवार के साथ एकरूपता बनाए रखें|
2-
अपनी सासु मां के साथ अपनी माँ के समान ही प्यार मुहब्बत करें|
यह भी सुनिश्चित करें कि आप या आपके पति उनके माता पिता या अन्य परिवारजनों की अपेक्षा तो नहीं कर रहे हैं,
3-
अपने पति के परिवार का अंग बनते हुए उनके सभी घरेलू काम में हाथ बटायें,और यदि आप कामकाजी महिला है तो बिना कुछ छुपाऐ अपने बच्चों के साथ भविष्य के लिए कुछ बचत करते हुए परिवार में अपेक्षित आर्थिक योगदान दें
4-
आप कभी भी अपने माता पिता के परिवार की परम्पराओं अथवा सुविधाओं का शादी के बाद कभी बखान न करें||🙏
नोट:- तो इस तरह से यह सामान्य व अचुक बातें हैं नुक्से है
इन पर गौर व अमल करते हुए अपनाये जाए तो हर घर की हर प्रकार की समस्या का समाधान है
किसी प्रकार का कोई झगड़ा नहीं किसी प्रकार का कोई मन मुटाब नहीं कोई अलगाव नहीं कोई तलाक नहीं
बस होगा तो सब अमन चेंन सुख शांति और एक आदर्श परिवार तो सभी इस नुक्से को अपनावे और सुखी जीवन जीए
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निवेदक 🙏
जी०एस०पाठक