सत्संगी साहब ने यमुना नदी पार अधिकारियों की बैठक में कहा कि दयलबाग इधर भी है और उधर भी है
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सुरेखा यादव
आगरा। दयालबाग और राधास्वामी सत्संग का दायरा बढ़ाने की तैयारियां मत के मुख्यालय दयालबाग में चल पड़ी हैं। इसकी कमान परम पूज्य गुरु महाराज प्रेम सरन सत्संगी साहब ने खुद संभाल रखी है। पर दयालबाग के अधिकारी कुल मालिक के इन संकेतों समझ नहीं रहे और समयबद्ध तरीके से कार्यों को अंजाम नही दे रहे है।
आज रात फिर सत्संगी साहब एक नहीं तीन तीन नाव लेकर यमुना नदी की सैर पर निकले। उन्होंने नदी की सैर करने से पहले तमाम दिशा निर्देश दिए और कई अधिकारियों को तलब कर दिशा भी दी और उसके बाद बे खुद नाव में सवार होकर मदनपुर घाट वाले खादर की ओर बढ़ गए।
वहां जाकर उन्होंने खेती में काम आने वाली कुदाल की मांग की और कहा कि वे यहां कुदाल से खेत करेंगे। कुछ दूसरे प्रकार के कृषि यंत्र भी उनके समक्ष पेश किए गए लेकिन पूज्य गुरु महाराज ने मना कर दिया कि इनकी नही उनको कुदाल की जरूरत है। उनके साथ इस दौरे में पहली नाव से राधास्वामी सत्संग सभा के प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी और स्वामी दयाल पप्पू भाई के साथ कुछ अन्य लोग यमुना नदी दूसरे किनारे पर पहले भेजे गए। दूसरी नाव में पूज्य सत्संगी साहब खुद और साथ में कुछ गिने चुने लोग ही रवाना हुए।
उसके बाद कुछ लोगों की एक टीम तीसरी नाव से रवाना हुई बताई गई। सत्संगी साहब बहुत देर तक यमुना के दूसरे किनारे पर रहे और दयालबाग के अधिकारियों के साथ लंबी चर्चाएं की। इसी के साथ उन्होंने इससे पहले दयालबाग के राजाबरारी में कुछ समस्याओं को लेकर उठ रही बातों के समाधान के लिए वहां के अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान पूज्य गुरु महाराज के साथ रानी साहिबा भी मौजूद थीं।
गुरु महाराज के इस दौरे से या यह कहें कि यमुना में विचरण से पोइया घाट का बैकुंठ धाम एक पर्यटन स्थल की ओर अग्रसर हो रहा है। क्योंकि आज जब हमने देखा तो सत्संग के अलावा भी शहर के कई इलाकों से बहुत सारे लोग कुल मालिक के दर्शन करने आए और उन्होंने यहां मेले जैसे नजारे का लुफ्त भी उठाया। ऐसे लोगों ने इस प्रतिनिधि से भी जानकारी हासिल करने की कोशिश की कि आखिर इतनी रात गए यहां इतने लोग केसे एकत्रित हुए हैं। इस दौरान "आज" हिंदी दैनिक की टीम भी वहां मौजूद रही और गुरु महाराज के आज के पवित्र यमुना में विचरण की कवरेज भी की।
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