*ग्रेशस हुजूर पीएस सत्संगी साहब ने पवित्र यमुना नदी को ही नाप दिया:*
*सुरेखा यादव *
*आगरा, 17 अप्रैल।
राधास्वामी मत के केंद्र दयालबाग में आज तो एक बड़ा करिश्मा ही हो गया। वक्त गुरु परम श्रद्धेय पी एस सत्संगी साहब ने पोहिया घाट स्थित बैकुंठ धाम से रात के 11:00 बजे पवित्र यमुना नदी को ही अपने कदमों से नाप डाला।*
*वे आज एक नाव में बैठकर यमुना के दूसरी तरफ गए और वहां पर लगभग 30 मिनट बिताने के बाद 11:30 बजे वापस लौटे। हुआ यह कि पीएस सत्संगी साहब आज 9:15 बजे खेतों के लिए रवाना हुए। पहले वे सिकंदरपुर स्थित गेहूं की चल रही कटाई का जायजा लेने पहुंचे और उसके बाद उन्होंने पोइया घाट का रुख किया।*
*फिर क्या था एक बड़ा काफिला गुरु महाराज के पीछे पीछे पोइया घाट जा पहुंचा। सत्संगी साहब ने वहां पहुंचकर नाव में बैठकर यमुना की सैर करने की इच्छा जाहिर की। तत्काल एलोरा ब्रांच के कुछ सत्संगी भाई लोग जो नाव चलाने में काफी माहिर थे उनको बुलाया गया और सत्संगी साहब अपने साथ मात्र 5 लोगों को लेकर यमुना में मदनपुर घाट के लिए रवाना हुए।*
*बताया गया है कि वहां वे आधा घंटा रुके और वहां से उन्होंने एक पौधा लिया और इस पौधे को लेकर अपने साथ अपने निवास ले गए। पौधा किस प्रजाति का था यह तो पता नही चल सका। इस दौरान गुरु महाराज के साथ पवित्र यमुना नदी के किनारे सैकड़ों की तादाद में सत्संग जगत के लोग भी मौजूद थे। भारी भीड़ रा धा स्व आ मी नाम का जाप करती रही।*
*यह मौका "आज" हिंदी दैनिक की टीम को भी नसीब हुआ और उसने पूरा नज़ारा कैमरे में कैद किया। यमुना नदी मापने का यह दृश्य अपनी आंखों से देखा। नाव चलाने वाला भी बहुत ही काबिल व्यक्ति था वह एक बल्ली के जरिए नाव को धीरे धीरे आगे बढ़ा रहा था जिससे उसमें बैठे सवार गुरु महाराज सत्संगी साहब को कोई तकलीफ ना हो। अंत में सत्संगी साहब नाव से उतरे और अपनी बैटरी चालित गाड़ी में सवार हुए। उन्होनें वहां मौजूद दयालबाग के अधिकारियों को कुछ दिशा निर्देश जारी किए और वहां से उनका काफिला सीधे सत्संग हॉल की तरफ रवाना हो गया।*
*रा धा स्व आ मी*
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