राधास्वामी!
17-03-2022-आज शाम सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा शब्द पाठ:-
रन गुरू निश्चय धारा रीः
सरन पर तन मन वारा री।।१।।
दया गुरु मोहि सँवारा री ।
सीस उन चरनन डारा री॥२॥ लगा मोहि सतसँग प्यारा री ।
बचन सुन भरम बिडारा री॥३॥
प्रीति गुरु लीन सम्हारा री ।
शब्द गुरु मिला सहारा री॥४॥
मेहर गुरु काल निकारा री ।
गया तम हुआ उजियारा री॥५॥
लखा घट अंतर तारा री । शब्द नभ माहिं पुकारा री॥६॥
जोति का रूप निहारा री । सुनी धुन घंटख सारा री॥७॥ गई चढ़ त्रिकुटी पारा री । धुनन सँग कीन बिहारा री॥८॥ ●●●●कल से आगे●●●●
सुन्न में बेनी न्हाई री ।
ररँग धुन सहज बजाई री॥९॥
गुफा धुन बजाई मुरली गाई री ।
बीन सतपुर आई री॥१०॥ आरती सतगुरु गाई री।
चरन में राधास्वामी धाई री॥११।।
मेहर हुए लिया गुरु काज बनाई री ।
हुए स्वामी आप सहाई री॥१२॥
लिया गुरु आज रिझाई री ।
दया अब पूरी पाई री।।१३।।
भेद सब दिया जनाई री। संत मत कहूँ बड़ाई री।।१४।।
दास राधास्वामी कहाई री । सदा गुन राधास्वामी गाई री
॥१५॥
(प्रेमबानी-1-शब्द-58- पृ.सं.334,335,336)
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