राधास्वामी! -
18-03-2022-
आज होली के अवसर पर आरती में सुबह सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:- (1) आओ री सखी जुड़ होली गावें।
कर कर आरत पुरुष मनावें।।
(सारबचन-शब्द-12- पृ.सं.852,853)
(अधिकतम् उपस्थिति-करनाल ब्राँच हरियाणा- @-3:22-दर्ज-305)
(2) अब खेलत राधास्वामी सँग होरी।
धरन गगन बिच शोर मचो री।।
(सारबचन-शब्द-5-होली- पृ.सं.845,846) (3) होली खेलन आये सतगुरु जग में।
हिल मिल के अब सरन पड़ो री।।
(प्रेमबानी-3-शब्द-9-पृ.सं.299,300)
(स्वामीनगर मोहल्ला-उपस्थिति-150) (4) प्रेमप्रचारक विशेषांक-बचन -होली। सतसंग के बाद:-
(1)-राधास्वामी मूल नाम।
होली के अवसर पर परमिटिड़ ग्रुप द्वारा पढ़े गये शब्द पाठ:-
(१)-सतगुरु हैं रँगरेज, चुनर मेरी रँगि डारी।।टेक।।
(रानी साहिबा एवं पार्टी)-(संतबानी संग्रह-शब्द-25- पृ.सं.55,56)
(२)-फागुन की ऋतु आई सखी।
मिल सतगुरु खेलो री होरी।।
(प्रेमबानी-3-शब्द-4- पृ.सं.293)
(अलोरा ब्राँच)
(३)-आओ री सखी जुडं होली गावें।
कर कर आरत पुरुष रिझावें।।
(सारबचन-शब्द-12- पृ.सं.852,853)
(४)-गुरु देय रँग रंगानी।
होली खेले सयानी।।
(2)-रा धा स्व आ मी,
रा धा स्व आ मी,
रा धा स्व आ मी,
रा धा स्व आ मी,
रा धा स्व आ मी! 🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
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