Thursday, July 27, 2023

*दर्शन

 ....रा धा स्व आ मी ....


                   *दर्शन*


प्रस्तुति _ उषा रानी / राजेंद्र प्रसाद सिन्हा 



दर्शन का मतलब है प्रेमी की प्रियतम की तरफ़ देखने की बेबसी यह वह  ऐसी कशिश है जो हम सबके अंदर है यही असल में दर्शन है चाहे हम नज़दीक बैठे हों या दूर बात एक ही है अगर सतगुरु हमें दर्शन दे रहे है तो वह सबको एक जैसे दर्शन देते है चाहे हम आगे बैठे या पीछे अगर सतगुरु किसी को दर्शन नहीं देना चाहते हैं तो चाहे वह इनसान ठीक उनके सामने ही क्यों न बैठा हों उसे कुछ हासिल होनेवाला नहीं लेकिन अगर सतगुरु किसी को दर्शन देना चाहते है तो वह इनसान चाहें सात समुद्र पार भी क्यों न हो उसे सतगुरु के दर्शन हो जाएँगें हम जबरन उनके दर्शन नहीं कर सकते दर्शन तो सतगुरु की दात है किसे कब देना है यह उनकी मौज है...

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