मूर्खता, समझदारी और मीडिया
लेखक रॉबर्ट हेनलिन ने लिखा था-- 'नेवर अंडरएस्टीमेट द पावर ऑफ़ ह्यूमन स्टुपिडिटी' यानी मानवीय मूर्खता की ताक़त को कभी कम नहीं आँकना चाहिए.
दुनिया भर के टीवी चैनलों, अख़बारों और बराक ओबामा समेत अनेक नेताओं ने टेरी जोंस के बारे में शायद यही महसूस किया.
पादरी कम और शिकारी अधिक दिखने वाले ईसाई धार्मिक नेता की धमकी से जो क्षति हो सकती थी वह टल गई, इस पर सबने राहत की साँस ली.
'डव आउटरीच वर्ल्ड सेंटर' में कुछ भी सही नहीं था, डव यानी शांतिदूत कपोत. वर्ल्ड आउटरीच सेंटर यानी दुनिया की ओर हाथ बढ़ाने वाला केंद्र, जिसके कुल जमा पचास अनुयायी थे.
सारे टीवी चैनलों ने अंदाज़ा लगाया कि कुरान के जलाए जाने पर दुनिया भर में क्या प्रतिक्रिया होगी मगर किसी ने यह नहीं सोचा कि जो आग लगाई जा रही है उसे प्रचार का ऑक्सीजन न दिया जाए.
सोचा भी होगा तो दूसरे चैनलों को देखकर अपनी क्षणिक समझदारी से डोल गए.
एक टीवी चैनल पर आए अमरीकी प्रशासन के सलाहकार से पूछा गया कि टेरी जोंस को ओबामा ने इतना भाव क्यों दिया, उनका जवाब था- 'मीडिया ने उन्हें मजबूर कर दिया.'
जिस अनजान पादरी को कल तक कोई नहीं पूछ रहा था वह 'ग्लोबल मीडिया सेलिब्रिटी' बन गया, हो सकता है कि अब टेरी जोंस कोई दूसरा हंगामा खड़ा करें तो आप ये भी नहीं कह सकेंगे कि उनके सिर्फ़ पचास सिरफिरे चेले हैं.
पागलपन के पुरज़ोर असर पर किसी को शक नहीं है, मगर समझदारी की ताक़त से सबका विश्वास उठता जा रहा है.
दुनिया भर में न जाने कितनी उत्पाती खोपड़ियों में किन-किन चीज़ों को तोड़ने और जलाने के मसूंबे बन रहे होंगे.
कितने ही उत्पाती-उन्मादी टेरी जोंस को एक झटके में मिली इतनी 'शोहरत' पर जल रहे होंगे, मन मसोस रहे होंगे कि यह जलाने वाला आइडिया उन्हें क्यों नहीं आया.
एक और सूक्ति- 'लीव इडियट्स अलोन सो दे हार्म देमसेल्व्स ओनली' यानी बेवकूफ़ों को अकेला छोड़ देना चाहिए ताकि वे सिर्फ़ अपना ही नुक़सान करें, दूसरों का नहीं.
लाइव टीवी के दौर में ऐसा संभव नहीं दिख रहा है.
दुनिया भर के टीवी चैनलों, अख़बारों और बराक ओबामा समेत अनेक नेताओं ने टेरी जोंस के बारे में शायद यही महसूस किया.
पादरी कम और शिकारी अधिक दिखने वाले ईसाई धार्मिक नेता की धमकी से जो क्षति हो सकती थी वह टल गई, इस पर सबने राहत की साँस ली.
'डव आउटरीच वर्ल्ड सेंटर' में कुछ भी सही नहीं था, डव यानी शांतिदूत कपोत. वर्ल्ड आउटरीच सेंटर यानी दुनिया की ओर हाथ बढ़ाने वाला केंद्र, जिसके कुल जमा पचास अनुयायी थे.
सारे टीवी चैनलों ने अंदाज़ा लगाया कि कुरान के जलाए जाने पर दुनिया भर में क्या प्रतिक्रिया होगी मगर किसी ने यह नहीं सोचा कि जो आग लगाई जा रही है उसे प्रचार का ऑक्सीजन न दिया जाए.
सोचा भी होगा तो दूसरे चैनलों को देखकर अपनी क्षणिक समझदारी से डोल गए.
एक टीवी चैनल पर आए अमरीकी प्रशासन के सलाहकार से पूछा गया कि टेरी जोंस को ओबामा ने इतना भाव क्यों दिया, उनका जवाब था- 'मीडिया ने उन्हें मजबूर कर दिया.'
जिस अनजान पादरी को कल तक कोई नहीं पूछ रहा था वह 'ग्लोबल मीडिया सेलिब्रिटी' बन गया, हो सकता है कि अब टेरी जोंस कोई दूसरा हंगामा खड़ा करें तो आप ये भी नहीं कह सकेंगे कि उनके सिर्फ़ पचास सिरफिरे चेले हैं.
पागलपन के पुरज़ोर असर पर किसी को शक नहीं है, मगर समझदारी की ताक़त से सबका विश्वास उठता जा रहा है.
दुनिया भर में न जाने कितनी उत्पाती खोपड़ियों में किन-किन चीज़ों को तोड़ने और जलाने के मसूंबे बन रहे होंगे.
कितने ही उत्पाती-उन्मादी टेरी जोंस को एक झटके में मिली इतनी 'शोहरत' पर जल रहे होंगे, मन मसोस रहे होंगे कि यह जलाने वाला आइडिया उन्हें क्यों नहीं आया.
एक और सूक्ति- 'लीव इडियट्स अलोन सो दे हार्म देमसेल्व्स ओनली' यानी बेवकूफ़ों को अकेला छोड़ देना चाहिए ताकि वे सिर्फ़ अपना ही नुक़सान करें, दूसरों का नहीं.
लाइव टीवी के दौर में ऐसा संभव नहीं दिख रहा है.
इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDelete" भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" की तरफ से आप को तथा आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामना. यहाँ भी आयें, यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है ... www.upkhabar.in
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