पूर्वान्चल राज्य के मांग को लेकर राजसेपा कार्यकर्ता सड़क पर उतरे
- मुलायम सिंह यादव का पुतला फुंका
- पूर्वान्चल विरोधीयो को मुहतोड़ जबाव देगेःराष्ट्रीय जनसेवा पार्टी
- पार्टी प्रमुख वेद प्रकाश पान्डेय ने कहा, आर पार की होगी लडाई
- पूर्वान्चल विरोधी पूर्वान्चल के हितैसी नही हो सकते, पार्टी प्रमुख
- पूर्वान्चल राज्य हर किमत पर, ले कर रहेंगे .
- उ0प्र0 के स्थान पर पूर्वान्चल राज्य लिखना शुरु
- बसपा व सपा एक सिक्के के दो पहलु
दुर्गेश कुमार द्विवेदी,
दिल्ली-पूर्वान्चल राज्य की मांग कर रहे राष्ट्रीय जनसेवा पार्टी के कार्यकर्ता उस समय उग्र हो गये जब सपा प्रमुख मुलायम सिंह ने गोरखपुर में पूर्वान्चल राज्य का विरोध किया ।
राष्ट्रीय जनसेवा पार्टी के कार्यकर्ताओ ने मुलायम सिंह यादव का पुतला जलाना शुरु कर दिया और मुर्दाबाद के नारे लगाये, गोरखपुर, देवरिया, बहराईच, बलीया, बनारस और मिर्जापुर में विरोध प्रदर्शन किया ।
सावधान डाट काम ने पार्टी मुखिया वेद प्रकाश पान्डेय से विरोध प्रदर्शन के बारे पुछा तो श्री पान्डेय ने कहा कि बसपा व सपा एक ही सिक्के के दो पहलु है, जिनका पूर्वान्चल के विकास से दुर दुर तक कोई नाता नही है, हमेशा से ही पूर्वान्चल के साथ सौतेलापन ब्यवहार हुआ है, आज मुलायम सिंह यादव पूर्वान्चल में सम्मेलन कर रहे है क्योकि उन्हे आभास हो चुका है कि पूर्वान्चल की जनता जग चुकी है, जनता यह भली भांती जान चुकी है कि सैफई में विकास करने कार्य करने वाली सपा केवल वोट के लिये सभा कर रही है जिस मंच से समाजवाद की बात की जाती है, उसी मंच पर सोने की साइकिल भेंट स्वीकार करने वाली पार्टी पूर्वान्चल के लिये रोटी की बात नही कर सकती ।
बसपा प्रमुख नोटो की माला पहनती है तो सपा सोने की साइकिल की माला पहनती है ।
रहा सवाल ब्राम्हण समाज का तो , ब्राम्हण समाज को बसपा व सपा दोनो ने ही ठगा है, और हमारा ब्राम्हण समाज आने वाली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत का एहसास दिलायेंगी और पूर्वान्चल को किसी भी किमत पर हासील करके ही दम लेगी ।
पूर्वान्चल विकास व पैकेज के प्रश्न के जबाब ने राष्ट्रीय जनसेवा पार्टी अध्यक्ष वेद प्रकाश पान्डेय ने कहा कि किस विकास की बात कर रहे है आप अभी हाल ही में 8.5 करोड़ आबादी के पूर्वान्चल विकास के लिये 300 करोड़ से भी कम ऱुपया दिया गया और कही 1200 करोड का पैकेज यह पूर्वान्चल के साथ गन्दा मजाक है, विकास नही ।
श्री पान्डेय ने कहा कि हम बटवारे की बात क्यो न करें आजादी से पहले उ0 प्र0 संयुक्त प्रान्त को विकास की दृष्टीकोण से बाटने की मांग महात्मा गांधी व जिन्ना तक उठा चुके है, तृतीय पंचवर्षिय योजना में उ0प्र0 को 5 हिस्सो में बाटने की सिफारीस राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा की गयी थी, पूर्वान्चल, पश्चिमांचल, उत्राचंल, बुन्देलखन्ड और मध्य उ0प्र0, जिसमे से उत्रांचल अलग होकर अपनी तकदीर स्वय लिख रहा है ।
पूर्वान्चल में 27 जनपद 147 विधायक और 28 सांसद है उसके बाद पूर्वान्चल अपनी तकदीर पर रो रहा है ।
क्या लोकमंच मंच से गठबन्धन करेंगे के जबाव मे पार्टी प्रमुख ने कहा की पूर्वान्चल की मांग करने वाला हर ब्यक्ति मेरा है अर्थात पूर्वान्चल का है, रहा सवाल गठबंधन का तो गठबंधन वहां होता है, जहा बिखराव की स्थिती हो और लोक मंच को मै अपने से अलग नही मानता ।
राष्ट्रीय जनसेवा पार्टी के कार्यकर्ताओ ने मुलायम सिंह यादव का पुतला जलाना शुरु कर दिया और मुर्दाबाद के नारे लगाये, गोरखपुर, देवरिया, बहराईच, बलीया, बनारस और मिर्जापुर में विरोध प्रदर्शन किया ।
सावधान डाट काम ने पार्टी मुखिया वेद प्रकाश पान्डेय से विरोध प्रदर्शन के बारे पुछा तो श्री पान्डेय ने कहा कि बसपा व सपा एक ही सिक्के के दो पहलु है, जिनका पूर्वान्चल के विकास से दुर दुर तक कोई नाता नही है, हमेशा से ही पूर्वान्चल के साथ सौतेलापन ब्यवहार हुआ है, आज मुलायम सिंह यादव पूर्वान्चल में सम्मेलन कर रहे है क्योकि उन्हे आभास हो चुका है कि पूर्वान्चल की जनता जग चुकी है, जनता यह भली भांती जान चुकी है कि सैफई में विकास करने कार्य करने वाली सपा केवल वोट के लिये सभा कर रही है जिस मंच से समाजवाद की बात की जाती है, उसी मंच पर सोने की साइकिल भेंट स्वीकार करने वाली पार्टी पूर्वान्चल के लिये रोटी की बात नही कर सकती ।
बसपा प्रमुख नोटो की माला पहनती है तो सपा सोने की साइकिल की माला पहनती है ।
रहा सवाल ब्राम्हण समाज का तो , ब्राम्हण समाज को बसपा व सपा दोनो ने ही ठगा है, और हमारा ब्राम्हण समाज आने वाली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत का एहसास दिलायेंगी और पूर्वान्चल को किसी भी किमत पर हासील करके ही दम लेगी ।
पूर्वान्चल विकास व पैकेज के प्रश्न के जबाब ने राष्ट्रीय जनसेवा पार्टी अध्यक्ष वेद प्रकाश पान्डेय ने कहा कि किस विकास की बात कर रहे है आप अभी हाल ही में 8.5 करोड़ आबादी के पूर्वान्चल विकास के लिये 300 करोड़ से भी कम ऱुपया दिया गया और कही 1200 करोड का पैकेज यह पूर्वान्चल के साथ गन्दा मजाक है, विकास नही ।
श्री पान्डेय ने कहा कि हम बटवारे की बात क्यो न करें आजादी से पहले उ0 प्र0 संयुक्त प्रान्त को विकास की दृष्टीकोण से बाटने की मांग महात्मा गांधी व जिन्ना तक उठा चुके है, तृतीय पंचवर्षिय योजना में उ0प्र0 को 5 हिस्सो में बाटने की सिफारीस राज्य पुनर्गठन आयोग द्वारा की गयी थी, पूर्वान्चल, पश्चिमांचल, उत्राचंल, बुन्देलखन्ड और मध्य उ0प्र0, जिसमे से उत्रांचल अलग होकर अपनी तकदीर स्वय लिख रहा है ।
पूर्वान्चल में 27 जनपद 147 विधायक और 28 सांसद है उसके बाद पूर्वान्चल अपनी तकदीर पर रो रहा है ।
क्या लोकमंच मंच से गठबन्धन करेंगे के जबाव मे पार्टी प्रमुख ने कहा की पूर्वान्चल की मांग करने वाला हर ब्यक्ति मेरा है अर्थात पूर्वान्चल का है, रहा सवाल गठबंधन का तो गठबंधन वहां होता है, जहा बिखराव की स्थिती हो और लोक मंच को मै अपने से अलग नही मानता ।
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