इतिहास के पन्नों से: भगत सिंह को फाँसी और पाकिस्तान का प्रस्ताव
यदि इतिहास के पन्नों में झांके तो 23 मार्च के दिन की कुछ प्रमुख घटनाएँ है भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दी गई फांसी, मुस्लिम लीग के सत्र में लाहौर में ही 'पाकिस्तान' प्रस्ताव रखा जाना और तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रोनल्ड रीगन की रणनीतिक रक्षा प्रणाली की पहल:
1931: भारतीय क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी
भारत के सुप्रसिद्ध क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर सेंट्रल जेल में फाँसी दे दी गई.इसके बाद भगत सिंह पर ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ जंग छेड़ने का आरोप लगा. इसी के साथ भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के ख़िलाफ़ लाहौर षड़यंत्र मामला चला और उन्हें इसी मामले में फँसी हुई. इस मामले से भारत के अनेक हिस्सों में रोष की लहर दौड़ गई और ब्रितानी सरकार ने भड़की भावनाओं को समझते हुए गुप्त तरीके से पंजाब के फ़िरोज़पुर में हुसैनीवाला में तीनों क्रांतिकारियों का अंतिम संस्कार भी कर दिया.
1940: मुस्लिम लीग का लाहौर में 'पाकिस्तान' प्रस्ताव
इसी दिन ब्रितानी भारत में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक दल मुस्लिम लीग ने लाहौर में एक प्रस्ताव रखा जिसे बाद में पाकिस्तान प्रस्ताव के नाम से भी जाना जाने लगा है. इसके तहत पूरी तरह स्वायत्त और संप्रभु मुस्लिम देश बनाने का प्रस्ताव रखा गया.
अब 23 मार्च को पाकिस्तान दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इसी के साथ वर्ष 1956 में इसी दिन पाकिस्तान का पहला संविधान अपनाया गया था.
इन हत्याओं से दोनों देशों की पुलिस बौखला गई और उन्हें शक था कि ये संयुक्त और स्वतंत्र आयरलैंड की पक्षधर आईआरए का काम है. बाद में ये शक सही निकला.
1983: रीगन की अंतरिक्ष में मिसाइल नष्ट करने की घोषणा
वर्ष 1983 में तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति रोनल्ड रीगन ने एक ऐसी घोषणा की जिसका अर्थ शीत युद्ध को अंतरिक्ष में ले जाना लगाया गया.उन्होंने अंतरिक्ष में परमाणु युद्ध का सामना करने के लिए स्ट्रैटेजिक डिफ़ेंस इनिशियेटिव की घोषणा की जिसमें लेसर तकनीक से आकाश में ही मिसाइलों को नष्ट करने का प्रस्ताव था.
बाद में ये योजना स्टार वॉर्स के नाम से चर्चित हुई जिसपर फ़िल्म सीरीज़ भी बनी. लेकिन आज अमरीका और रूस इसके उलट अपने-अपने परमाणु ज़ख़ीरे घटाने मे जुटे हैं.
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