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चली जा रही है
ऊमर धीरे धीरे,
योंही आठों पहर
धीरे धीरे,
🌼 ताते सुमिरन भजन करले,
धीरे धीरे,
🌼 बचपन बीता जवानी बीती,
बुढापा आ रहा है,
धीरे धीरे,
🌼 ताते सुमिरन भजन करले,
धीरे धीरे,
🌼चली जा रही है
ऊमर धीरे धीरे,
आठों पहर धीरे धीरे,
🌼हाथ पैरों में बल न रहेगा,
कमर झुक जायेगी,
धीरे धीरे, 🌼
ताते अभी सेवा सतसंग,
करले,
धीरे धीरे, 🌼
🌼 सुमिरन भजन करले,
धीरे धीरे, 🌼
🌼 चली जा रही है,
ऊमर धीरे धीरे,
योंही आठों पहर
धीरे धीरे, 🌼
🌼मन को दुनिया के मोह माया से,
हटाले धीरे धीरे, 🌼
सतगुरु के चरणों में
मन को लगाले
धीरे धीरे, 🌼
🌼 उमर बीती जा रही है,
धीरे धीरे, 🌼
🌼 बेटा बेटी नाती
कुटम परिवार ठाठ हवेली,
तुझसे अलग हो जायेंगे,
धीरे धीरे, 🌼
🌼ताते सुमिरन भजन करले,
धीरे धीरे, 🌼
🌼उमर बीती जा रही है,
धीरे धीरे,
आठों पहर धीरे धीरे 🌼
🌼रात दिन मेहनत करके, जो दौलत कमाई तुने,
यही खर्च हो जायेगी
धीरे धीरे, 🌼
ताते सतसंग , सेवा, सुमिरन, ध्यान, भजन कर परमारथ की दौलत कमाले,
जमा हो जायेगी,
धीरे धीरे, 🌼
🌼ऊमर बीती जा रही है,
धीरे धीरे,
आठों पहर धीरे धीरे,
🌼कहन सतगुरु की मान,
धीरे धीरे,
धुन नाम की सुन,
धीरे धीरे,
निज रुप का दर्शन हो जायेगा,
धीरे धीरे, 🌼
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सतगुरु सेवक
पाठक
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