. राधास्वामी (’रा-धा-स्व-आ-मी’) नाम का तथ्य (असलियत)
(परम पूज्य हुज़ूर प्रो. प्रेम सरन सतसंगी साहब द्वारा की गई व्याख्याः- रा-सहस्त्रदल कमल (निरंजन),
धा- त्रिकुटी (ओम),
स्व-सुन्न/महासुन्न मानसरोवर, झील,
आ-विशुद्ध परमार्थिक गति,
मी-अनामी पुरुष द्वारा संचालित अन्तिम परमार्थी यथार्थ (गतिशील परमार्थी लाभ से सुज्जित अलख पुरुष-अगम पुरुष एवं अतीव गतिशील निज-धाम राधास्वामी दरबार )
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