*🌹 ईश्वर पर भरोसा 🌹*
प्रस्तुति - रेणु दत्ता / आशा सिन्हा
*एक सन्त कुएँ पर स्वयं को जंजीर से लटका कर ध्यान करता था और कहता था जिस दिन यह जंजीर टूटेगी मुझे ईश्वर मिल जायेंगे।*
*उनसे पूरा गांव प्रभावित था सभी उनकी भक्ति, उनके तप की तारीफें करते थे।*
*एक व्यक्ति के मन में इच्छा हुई कि मैं भी ईश्वर के दर्शन करूँ।*
*वह भी कुएँ पर रस्सी से पैर को बाँधकर कुएँ में लटक गया और कृष्ण जी का ध्यान करने लगा।*
*थोडे समय बाद जब रस्सी टूटी वो कुवें में गिरा पर उसे कृष्ण अपनी गोद में उठा लिए और दर्शन भी दिए।*
*तब उस व्यक्ति ने पूछा आप इतनी जल्दी मुझे दर्शन देने क्यों चले आये जबकि वे संत , तो वर्षों से आपको बुला रहे हैं।*
*कृष्ण जी बोले, "वो कुएँ पर लटकते जरूर हैं किन्तु पैर को लोहे की जंजीर से बाँधकर।*
*उन्हें मुझसे ज्यादा जंजीर पर विश्वास है। तुमने खुद से ज्यादा मुझ पर विश्वास किया इसलिए मैं आ गया।"*
*आवश्यक नहीं कि दर्शन में वर्षों लगें आपकी शरणागति आपको ईश्वर के दर्शन अवश्य कराएगी और शीघ्र ही कराएगी।*
*प्रश्न केवल इतना है आप उन पर विश्वास कितना करते हैं।*
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