- Bhaskar News Network
- Sep 28, 2014, 02:00 AM IST
मंडल में 13 साल का सबसे छोटा कलाकार दीपक करता है सीता का रोल
केवट का रोल करने वाले शंकर के बेटे परशुराम और लक्ष्मण तो शिवलाल के बेटे विजय बनते हैं रावण
60साल सेदेश के कोने-कोने में रामलीला का मंचन कर रहे श्री भक्ति प्रकाश रामलीला मंडल मथुरा के 40 कलाकार इस बार चंडीगढ़ के सेक्टर-27 में रामलीला कर रहे हैं। इस मंडल की खास बात इनमें से 14 कलाकार आपस में रिश्तेदार हैं और बाकी भी इसी परिवार से जुड़े हैं। इन्होंने दक्षिण को छोड़ बाकी देश के हर प्रांत में रामलीला मंचन किया है। ये कलाकार मंडल के अध्यक्ष शंकर लाल चतुर्वेदी के परिवार के हैं।
साढ़ेतीन घंटे नॉन स्टॉप रामलीला: व्यासपीठश्याम सुंदर चतुर्वेदी कहते हैं, कि साढ़े तीन घंटे वाली रामलीला में तीन मंच एक साथ बनते हैं। रामलीला नॉन स्टॉप चलती है। कलाकारों की वेशभूष भी पारंपरिक ही होती है। रामलीला में किसी तरह की अनाउंसमेंट नहीं होती। इसलिए दर्शकों को लगता है कि वास्तव में रामलीला देख रहे हैं।।
इस रामलीला में एक परिवार की तीन पीढ़ियां हैं। चतुर्वेदी परिवार का उद्देश्य रामचरितमानस के संस्कारों से लोगों को जोड़ना है। इसमें मंचीय मैदानियां दोनों का समावेश है।
कलाकरनहीं करते रिहर्सल : इसरामलीला की खास बात यह भी है कि इसमें कोई भी कलाकार मंच पर आने से पहले रिहर्सल नहीं करता। पुरुष कलाकार ही महिला का किरदार करते हैं।
अध्यक्षहैं केवट : रामलीलामें सबसे बड़े कलाकार 65 वर्षीय शंकरलाल चतुर्वेदी हैं। उन्होंने रामलीला मंडल की स्थापना है। वे रामलीला में केवट का किरदार कर रहे हैं, वहीं सबसे छोटा कलाकार मात्र 13 वर्ष का दीपक सीता जन्म में सीता का किरदार कर रहा है। 18 साल के गोपाल चतुर्वेदी राम का किरदार निभा रहे हैं।
शनिवार को निकली राम बारात: सेक्टर-27में चल रही रामलीला में शनिवार रात को राम बारात निकाली गई। इसमें दशरथ, विश्वामित्र के साथ भगवान राम जनकपुरी पहुंचे। फोटोविजय कुमार
3 बार हो चुके सम्मानित
शंकरलालचतुर्वेदी तीन बार पुरस्कृत हो चुके हैं। शंकर लाल और शिव लाल को 1978 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी पुरस्कृत किया था।
रामलीला में इनका भी है जरूरी रोल
शंकर के मामा का लड़का
शंकर के भांजे
शंकर के भांजे
शंकर के भांजे
शंकर के नाती
बेटा
बेटा
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