कुल्लू की पहचान दशहरा
ट्रेकिंग के रास्ते यूं तो कुल्लू का प्राकृतिक सौंदर्य अपने-आपमें अनूठा है। यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक यहां दशहरा देखने के अलावा कुदरत की बेजोड छटा का लुत्फ भी लेते ही हैं। इसके अलावा कुल्लू के आपपास कई और महत्वपूर्ण जगहें हैं। खास तौर से ट्रेकिंग के शौकीन लोग मणीकरण जरूर जाते हैं। कुल्लू से 45 किमी दूर मौजूद मणीकरण से जरी, मलाना, किक्सा थैच, चंद्रखानी पास और नागरोनी होते हुए मनाली तक की ट्रेकिंग की जाती है। यहां हिमाचल पर्यटन विभाग द्वारा अकसर ट्रेकिंग कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। मनाली के लिए ही ट्रेकिंग का एक और आयोजन कसोल से भी होता है। इस क्षेत्र के अन्य दर्शनीय स्थलों में 45 किमी दूर स्थित रिवालसर झील और 70 किमी की दूरी पर मौजूद पराशर झील भी शामिल हैं। एक नजर में कैसे पहुंचे हवाई मार्ग से : कैसे पहुंचे हवाई मार्ग से : निकटतम हवाई अड्डा भुंतर है। यहां से कुल्लू की दूरी 10 किमी है। आजकल निजी एयरलाइंस के हवाई जहाज वहां जाते हैं। रेलमार्ग से : चंडीगढ तक जाकर वहां से बस या प्राइवेट वाहनों द्वारा जाया जा सकता है। अगर आप रेलमार्ग से ही लंबी दूरी तय करना चाहते हैं तो पठानकोट पहुंचें। वहां से मीटर गेज की रेलगाडी से अंतिम स्टेशन जोगेन्द्र नगर पहुंचें। वहां से कुल्लू की दूरी अधिक नहीं है। बसें और निजी वाहन उपलब्ध है। सडक मार्ग से : दिल्ली, चंडीगढ, पठानकोट, शिमला आदि सभी स्थानों से बसें व निजी वाहन उपलब्ध हैं। दिल्ली से चंडीगढ होते हुए कुल्लू की दूरी लगभग 52 किमी है। पठानकोट से कुल्लू 284 किमी है। शिमला से कुल्लू 236 किमी है। क्या पहनें : कुल्लू मूलत: ठंडा स्थान है। किसी भी मौसम में वहां जाएं तो गर्म कपडे जरूर ले जाएं। कहां ठहरें : यहां सभी तरह के होटल मौजूद हैं।
प्रेम एन नाग यह लेख केवल ट्रायल के लिए प्रयोग में लाया गया हैं । साभार
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