यही वजह है कि इस विषय पर और शोध करने की जरूरत आज भी महसूस की जाती है। शोधकर्ताओं ने स्त्री-पुरुष की भाव-भंगिमाओं को लेकर कुछ ठोस निष्कर्ष निकाले हैं। एक-दूसरे से प्यार और 'संबंध' बनाने को इच्छुक लोगों की बॉडी लैंग्वेज के बारे में कुछ तथ्य इस प्रकार हैं-
प्यार के आगोश में पड़ने वाले व्यक्ति के चेहरे के उस हिस्से में कसावट आ जाती है, जो आमतौर पर थोड़ा फूला होता है। ऐसी स्थिति में आंखों में थोड़ी सिकुड़न भी आ जाती है। प्यार की चाह वाली अवस्था में शरीर का ढीलापन गायब हो जाता है। सीना थोड़ा बाहर की ओर निकल जाता है, साथ ही पेट थोड़ा अंदर की ओर धंस जाता है।
अगर कामातुर महिला की बॉडी लैंग्वेज की बात की जाए, तो कुछ बातें एकदम स्पष्ट नजर आती हैं। स्त्री पुरुष को पाने के लिए अनायास ही कुछ प्रयास करती है। महिला अपने बालों को छूती है और अपने कपड़ों पर भी हाथ फेरती है। महिला के एक या दोनों हाथ अचानक पीछे की ओर चले जाते हैं। स्त्री अपने शरीर का कुछ भाग पुरुष की ओर झुका देती है। संभोग की इच्छुक महिला के गालों की लाली अचानक की बढ़ जाती है।
अगर पुरुष के पूरे शरीर पर एक निगाह डाली जाए, तो वह थोड़ा और तन जाता है। प्रेम पाने को आतुर स्त्री या पुरुष उस अवस्था में कुछ युवा नजर आने लगते हैं। ऐसी स्थिति में महिलाएं अपने हाथ की उंगलियों को पूरी तरह खोल लेती हैं। शोध में यह बात सामने आई है कि कलाई भी कामुक क्षेत्रों में से एक है। प्यार पाने को आतुर महिला माथे को झटककर अपने बाल पीछे की ओर कर लेती है। स्त्रियां झुकी हुई पलकों से पुरुष को निहारती हैं और कुछ देरे पर निगाहें टिकाए रहती हैं।
पिछले हिस्से में पहले की तुलना में थोड़ा और उभार आ जाता है। साथ ही वह उस स्त्री से कुछ ज्यादा ही देर तक निगाहें मिलाता है। आंखों की पुतलियां भी फैल जाती हैं। किसी महिला से प्यार चाहने की अवस्था में पुरुष अपने बालों को संवारने की कोशिश करता है। स्त्रियों के होठ खुल जाते हैं और दोनों होठों पर थोड़ी तरलता आ जाती है। होठ और गाल समेत पूरे चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है, क्योंकि उन भागों में रक्त का प्रवाह तेज हो जाता है।कामातुर स्त्री प्यार पाने के लिए अपने पैरों को एक-दूसरे से रगड़ती है। ऐसा करके वह अपनी कोमल और प्रेमासक्त भावना का इजहार करती है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि हर परिस्थिति और हर व्यक्ति पर बॉडी लैंग्वेज के ये सूत्र लागू हों, यह कोई आवश्यक नहीं है। सामान्य अवस्था में स्त्रियां अपने दोनों पैरों को सटाकर रखना पसंद करती हैं, जबकि काम के आवेश में आने के बाद उसके दोनों पैरों के बीच की दूरी अचानक ही बढ़ जाती है।
No comments:
Post a Comment