14 फरवरी की सुबह 8:20 बजे पंचमी तिथि प्रारंभ होगी जो 15 की सुबह 9 बजे तक रहेगी। दोनों दिन बसंत पंचमी मनाई जाएगी। अधिकांश आचार्यों ने 14 को ही बसंत पंचमी मनाया जाना तय किया है। उदयातिथि वाले 15 को मनाएंगे। अनसूझा साया भी 14 फरवरी को है। ज्योतिषी नीरज पांडे ने बताया कि 14 फरवरी को ही बसंत पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन विद्या दायिनी मां सरस्वती और गणेश जी की पूजा अर्चना की जाएगी। उन्हें पीले वस्त्र धारण कराकर पीले पुष्प अर्पित करें। बसंत पंचमी पर सबको पीले वस्त्र पहनने चाहिए। बसंत पंचमी उमंग और उल्लास का त्योहार है। इस दिन अनसूझा साया भी है। महेश पंडित के अनुसार 14 फरवरी के पूरे दिन बसंत पंचमी है। अलग अलग पंचांगों में दोनों दिन बसंत पंचमी दी गई है।
दयालबाग ने ओढ़ी बासंती चूनर
दयालबाग में बसंत की रौनक देखते ही बनती है। इन दिनों दुकान से लेकर घरों तक बासंती रंग की बहार है। राधास्वामी मत के अनुयायियों के लिए बसंत का विशेष महत्व है। 1861 को बसंत पंचमी के दिन ही राधास्वामी मत की स्थापना हुई थी। परम पुरुष पूरन धनी हजूर स्वामी जी महाराज ने पीपल मंडी से राधास्वामी मत का प्रारंभ किया था। राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा 14 फरवरी से तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 14 फरवरी की सुबह 6:30 बजे खेतों पर बेबी शो, दोपहर 2:30 बजे पीवी प्राइमरी स्कूल ग्राउंड में खेलकूद प्रतियोगिता, 15 की शाम 7 बजे रोशनी सज्जा, 16 की शाम जिमनास्टिक ग्राउंड में जिमनास्टिक होगी।
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