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राजधानी पटना में गंगा नदी के अलावा राज्य के अन्य हिस्सों में लाखों व्रतधारियों ने उगते हुए सूर्य को नदियों और तालाबों में खड़े होकर अर्घ्य अर्पित किया। इस मौके पर लोगों ने पवित्र गंगा नदी में स्नान भी किया।
औरंगाबाद जिले के देव में स्थित त्रेतायुगीन पश्चिमोत्तर मुखी सूर्य मंदिर में भी बड़ी संख्या में लोगों ने पूजा अर्चना की और व्रतधारियों ने सूर्यकुण्ड में अर्घ्य अर्पित किया। उल्लेखनीय है कि यहां पर ज्यादातर व्रती मनौती फल पाने के बाद आते है। इस मंदिर की बड़ी महिमा है और सदियों से यहां पर साल में दो बार कार्तिक और चौत में छट पूजा होता है।
दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद व्रतधारियों ने अन्न-जल ग्रहण किया। चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने नदियों और तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया था। (वार्ता)
दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं का 36 घंटे का निराहार व्रत समाप्त हुआ और उसके बाद व्रतधारियों ने अन्न-जल ग्रहण किया। चार दिवसीय इस महापर्व के तीसरे दिन कल व्रतधारियों ने नदियों और तालाबों में अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य अर्पित किया था। (वार्ता)
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