🙏🍁RADHASOAMI 🍁🙏
राधा स्व आ मी सतसंग आस्था प्रसंग
प्रस्तुति - नवल किशोर प्रसाद / कुसुम सिन्हा
साँचा मीत न कोई देखा, भाई बन्धु क्या घर के खेश, अपने ही सुख को सब चाहत, अपस्वारथ नित राखत पेश
🙏🍁RADHASOAMI 🍁🙏
🙏🍁RADHASOAMI🍁🙏
मैं जिद्द दम दम हठ करती, मौज हुकम में चित नहिं धरती, दया करो राधास्वामी प्यारे, औगुन बख्शो लेवो उबारे
🙏🍁RADHASOAMI🍁🙏
🙏🍁RADHASOAMI 🍁🙏
हुई धनवन्त चरन गुरू पाए, मगन रहूँ नित गुरू गुण गाए 🙏
🍁 RADHASOAMI 🍁🙏
*चरन गुरू हीरदे धार रही।
🌹🙏🏻गुरू बिन कौन सम्हारे मन को।
सुरत उम्ँग अब शब्द गही।।
🌹 कोटिन जन्म भरमते बीते।
काहू मेरी आन न बाँह गही।।
🌹 नौका पार चली अब गुरु बल।
अगम पदारथ लीन गही।।🌹🙏🏻*
🙏🍁RADHASOAMI राधास्वामी 🍁🙏
हुए परसन गुरू दीनदयाल, लिया मोहि अपनी गोद बिठाल,
भाग मेरा जागा आज अपार, मिले राधास्वामी निज दिलदार
No comments:
Post a Comment