Saturday, October 8, 2022

राधास्वामी मत की खास बातें

 

रा धा स्व आ मी!                                      


  09-10-22-आज सुबह आरती के सतसंग में पढ़ा गया बचन

-कल से आगे

 


सांय काल से आगे:-(28-12-30-आदित्य )-


रात के सतसंग में रा धा स्व आ मी -मत का असली उपदेश जेहननशीन कराने और रा धा स्व आ मी -मत की खास बात की तरफ लोगों की तवज्जुह मबजूल कराने की कोशिश की गई। असली उपदेश यह है कि बिला सन्त सद्गुरू की मदद के जीव का पूरा उद्धार नहीं हो सकता और ख़ास बात यह है कि जब तक कुल जीवों का उद्धार न हो जावेगा रा धा स्व आ मी दयाल की चरणधार जरूर संसार में विराजमान रहेगी। इस सिल्सिले में सतसंग के दुश्मनों की बेमसरफ़ कोशिशों का भी जिक्र किया गया। उम्मीद है कि हर सतसंगी मर्द व औरत हाज़िरुलवक़्त के दिल पर यह नक़्श हो गया कि रा धा स्व आ मी -मत एक जिन्दा मजहब है और रा धा स्व आ मी दयाल रक्षक व सहाई हम सब के अंगसंग हैं। अखीर में यह प्रार्थना की गई की रा धा स्व आ मी दयाल हमारे उन भाइयों को, जिन्होंने जहालत में गिरफ्तार होकर अपनी आँखें खो दी हैं और अपने पाँव काट डाले हैं, नई आँखें और नई टाँगें इनायत फ़रमायें ताकि वे रास्ता देख कर और अपने पाँव से चल कर दयालबाग में आवें और सतसंग के लाभ से बहराअन्दोज हों।रात की गुफ्तगू बड़ी तवील (लम्बी) हो गई थी। मैंने कहा कि ज़रा खयाल तो करो कि जीव कैसा बेतरह संसार में फँसा है। खुद पृथ्वी और पृथ्वी का हर एक सामान हमारी सुरत को अपने अन्दर जज्ब किया चाहता है। पृथ्वी की मदद के लिये सूरज, जो निज़ाम शम्सी (अपने मंडल) का मरकज़ (केन्द्र) है, दिन रात जोर लगा रहा है और सूरज की मदद चन्द्रलोक का धनी, ब्रह्म, परब्रह्म वगैरह कर रहे हैं और सबकी कोशिश यही है कि कोई सुरत ब्रह्माण्ड के पार जाने न पावे इसलिये सच्ची मुक्ति हासिल करने यानी ब्रह्माण्ड से बाहर निकलने के लिये लाज़िमी है कि ब्रह्माण्ड से बाहर की कोई शक्ति, जो पिण्ड और ब्रह्माण्ड की शक्तियों से ज्यादह जबरदस्त हो, हमारी मदद करे वर्ना जीव के लिये उनके नर्गे (जाल ) से बाहर निकलना नामुमकिन है। ब्रह्माण्ड के परे निर्मल चेतन यानी सत्य देश है और सन्त सद्गुरू सत्य देश की धार ही को कहते हैं। इसीलिये रा धा स्व आ मी मत का यह ख़ास या मरकज़ी उपदेश है कि बिला सन्त सद्गुरू की मदद के कोई सुरत सच्ची मुक्ति हासिल नहीं कर सकती।                                                                                                  

🙏🏻रा धा स्व आ मी🙏🏻 

 रोजाना वाकिआत

-परम गुरु हुज़ूर साहबजी महाराज!


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