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परम पूज्य हुजूर साहब जी महाराज
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निहायत अहम हुक्म
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1- सब सतसंगी अपने तई हुजूर रा-धा-स्व-आ-मी दयाल का सुपुत्र और रा-धा-स्व-आ-मी सतसंग का खास अंग समझें🙏
2- सब सतसंगी दिन-रात में कम अज कम एक मर्तबा कुछ देर के लिए अभ्यास जरूर करें, ताकि उनका अंतरी तार हुजूर रा-धा-स्व-आ-मी दयाल से जुडा रहे, 🙏
3- सब सतसंगी एक दूसरे को बिला लिहाज जात-पांत और दुनियावी छोटाई बडाई अपना भाई समझे,
और मिलझुलकर रहे, और एक दूसरे की मदद करना अपना धर्म समझे, 🙏
4- सब सतसंगी हर मजहब के बुजुर्गों की मुनासिब इज्जत करें, 🙏
5- सब सतसंगी अपने तई, अपने मत और अपने मत के पूज्य बुजुर्गों की इज्जत व बुजुर्गी का रक्षक समझे और किसी भी हालत में उनका निरादर न होने दें, 🙏
6- सब, सतसंगी दयालबाग को अपना घर समझे, और उनकी संस्थाओं की उन्नति व रक्षा के लिए दिलोजान से कोशिश करें, 🙏
7- सब सतसंगी अपनी आमदनी का एक भाग हस्ब हैसियत हर महीने हुजूर रा-धा-स्व-आ-मी दयाल के चरणों में भेंट करें, 🙏
8- सब सतसंगी प्रेम व श्रद्धा के साथ दयालबाग की बनी हुई चीजों का इस्तेमाल करें,
और कोई जरूरत पड जाने पर दयालबाग की संस्थाओं से सहायता के उम्मीदवार रहें, 🙏
9- सब सतसंगी अपनी औलाद को अपने से ज्यादा तंदुरुस्त व बढकर परमार्थी बनाने की हर समय व पुरी कोशिश करें, 🙏
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