*आज है रंगभरी एकादशी VS आमला एकादशी * कृष्ण मेहता*
होली से पहले आने वाली एकादशी को रंगभरी एकादशी कहते हैं और इस बार यह शुभ तिथि 3 मार्च दिन शुक्रवार को है। रंगभरी एकादशी हर वर्ष फाल्गुन मास के शुभ पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। इस बार एकदाशी पर सौभाग्य, शोभन और सर्वार्थ सिद्धि जैसे महायोग बन रहे हैं, जिससे रंगभरी एकादशी का महत्व भी बढ़ गया है। रंगभरी एकादशी को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। जिस तरह से होलाष्टक से होली की शुरुआत हो जाती है, उसी तरह काशी में रंगभरी एकादशी से होली की शुरुआत हो जाती है। आइए जानते हैं रंगभरी एकादशी का महत्व और उपाय...
रंगभरी एकादशी का महत्व :
रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले की भी पूजा की जाती है और भगवान शिव को अबीर गुलाल लगाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार काशी रंगभरी एकादशी पर ही लेकर आए थे। भगवान शिव और माता पार्वती का स्वागत लोगों ने रंग और गुलाल उड़ाकर किया था और चारों तरफ खुशियां मनाई थीं। इस वजह रंगभरी एकादशी के दिन काशी में रंगों का उत्सव मनाया जाता है और बाबा विश्वनाथ को दूल्हे की तरह सजाया जाता है। साथ ही बाबा विश्वनाथ का माता पार्वती के साथ गौना कराया जाता है। रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं और चारों तरफ लाल, हरे, पीले गुलाल उड़ाया जाता है।
इस उपाय से अशुभ प्रभाव रहता है दूर :
रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करें और 21 बेलपत्र पर सफेद चंदन लगाकर अर्पित करें। इसके साथ ही गुलाल अबीर भी अर्पित करें और फिर शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से ग्रह-नक्षत्र का अशुभ प्रभाव दूर होता है और जीवन में स्थिरता बनी रहती है।
इस उपाय से सौभाग्य में होती है वृद्धि :
एकादशी का व्रत करने का कई गुणा फल प्राप्त होता है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करें और नौ परिक्रमा करके गुलाल अर्पित करें। इसके साथ आंवले के वृक्ष के नीचे ही विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और आंवला दान करें। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में तरक्की के योग बनते हैं।
इस उपाय से आर्थिक समस्याएं होती हैं दूर
रंगभरी एकादशी के दिन पीपल पर जल में दूध मिलाकर अर्पित करें और पांच सफेद तरह की मिठाई भी गुलाल के साथ अर्पित करें। फिर धूप-दीप करने के बाद 11 परिक्रमा करें। एकादशी की सायंकाल में पांच देसी घी के दीपक पीपल के नीचे जलाएं। ऐसा करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है और आर्थिक समस्याएं भी दूर रहती हैं।
इस उपाय से माता लक्ष्मी की मिलती है कृपा :
रंगभरी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा अर्चना करें और आंवला अर्पित करें। इसके बाद सामर्थ्यानुसार अन्न, वस्त्र, आंवला आदि का दान करें। फिर सायंकाल के समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के सामने नौ बत्तियों का दीपक जलाएं और उसमें कुछ केसर डाल दें। ऐसा करने से धन संबंधित समस्या दूर होती है और धन के नए मार्ग बनते हैं।
इस उपाय से अखंड सौभाग्य की होती है प्राप्ति
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