*वैकुंठ धाम*
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*सुबह और शाम*
*चलो सबही बैकुंठ धाम*
*ना सर्दी,ना बरसात ना लगे तपता घाम*
*हर्षित, उमंगित बैकुंठ धाम*
*प्रातः सेवा सुफलम शीतलाम*
*भक्ति भाव भरी बिहंगम शाम*
*नौ द्वारे फिर दसवां धाम*
*मध्य राह में बैकुंठ धाम*
*पाटा,फड़वा,का अति उत्तम काम*
*बच्चे,भाई, बहन ना करें आराम*
*यमुना तीरे गूंजे निज नाम*
*संत बिराजें बैकुंठ धाम*
*नाव चले तोड़े सब झाम*
*दया मेहर से काज बने तमाम*
*मार्च पास्ट में दृष्टि थाम*
*लेकर रा धा/ध: स्वा आ मी नाम*
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*🌹रा धा/धा: स्व आमी🌹*
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