राधास्वामी! -
07-02-2022-आज सुबह सतसंग में पढे गये शब्द पाठ:-
(1) गुरू नाम रटूँ अँग अँग से।
गुरु आरत करूँ उमँग से।।
(सारबचन-शब्द-9- पृ.सं.765)
(अधिकतम् उपस्थिति-वाराणसी ब्राँच उत्तरप्रदेश-@-2:48-दर्ज-95)
(2) होली के दिन आये सखी।
उठ खेलो फाग नई।।-
(सहसकँवल चढ जोत जगाई।
संख बजाय रही।।)
(प्रेमबानी-3-शब्द-7- पृ.सं.296,297,298)
(3) सजीले सज तुम अकह अपारी।।टेक।।
(प्रेमबिलास-शब्द-127- पृ.सं.186,187)
(विद्युतनगर मोहल्रा-उपस्थिति-24)
सतसंग के बाद:-
(1)-राधास्वामी मूल नाम।
(2)-मिश्रित शब्द पाठ एवं मेरे तो राधास्वामी दयाल दूसरो न कोई।
सबके तो राधास्वामी दयाल।
मेरे तो तेरे तो सबके तो। राधास्वामी दयाल दूसरो न कोई।
राधास्वामी सुमिरन ध्यान भजन से जनम सुफल कर ले।।
🙏🏻राधास्वामी🙏🏻
🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿🙏🏿
No comments:
Post a Comment