हमारी वरिष्ठ प्रख्यात लेखिका चित्रा मुद्गल दीदी का कुछ दिन पूर्व मेरे पास फ़ोन आया। वह दिन मेरे लिए एक सुंदर स्मृति बन गया। कहानियों पर उनके विचारों ने न सिर्फ़ मेरा उत्साहवर्धन किया बल्कि उन्होंने अपना आशीर्वाद और असीम स्नेह लिख कर भी भेज दिया जो मेरे लिए अमूल निधि है।
😇🙏
प्रिय प्रगति
आशीष
'स्टेपल्ड् पर्चियां', मधुर व्यक्तित्व की धनी प्रगति गुप्ता का भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित नया कथा संकलन है । प्रगति की कई कहानियां मैंने पहले भी पढ़ी हैं और यदा-कदा उसकी कविताएं भी। प्रगति की रचना शीलता से गुजरते हुए मैंने सदैव यह महसूस किया है कि वह अपने परिवर्तित समय काल की जागरूक अभिव्यक्ति कार ही नहीं है बल्कि वर्तमान समाज में बदलती जीवन शैली से उपजे अनेक नए संक्रमणों के दबावों और उनसे उपजी सामाजिक विसंगतियों की निरुत्तर कर देने वाली घुटन और परिणीतिओं की मारक प्रहारात्मकता को बड़ी संजीदगी और कुशलता के साथ रेखांकित करने वाली गंभीर लेखिका है कि उस रचना से गुजरते हुए आप अचंभित हुए बिना नहीं रहते । आपको लगता है, आप अनायास उन पात्रों की जगह जा बैठे हैं। उन स्थितियों में उस पीड़ा से गुजर रहे हैं, उन्हें झेल रहे हैं । जाहिर है यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि आखिर नए उपजे इन संक्रमणओं के लिए जिम्मेदार कौन है?
प्रगति की रचना शीलता में मैं और और प्रगति देखना चाहती हूं। बड़ी संभावना उसके भीतर पैंठी हुई है । कामना है कि प्रगति उस उत्कर्ष को छुए और हिंदी साहित्य में अपने विशेष रचना शीलता को रेखांकित करते हुए विशेष प्रतिष्ठा अर्जित करें जिसकी वह अधिकारिणी है।
भविष्य में तुम्हारी जैसी बड़ी संभावनाओं को लेकर में कुछ लिख सकूंगी तो मुझे परम खुशी होगी।
चित्रा मुद्गल
29/1/2022
दिल्ली
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