*राधास्वामी!
15-02-2022-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा शब्द पाठ:-
आज मैं गुरु सँग खेलूँगी होरी ॥टेक ॥
भाग जगे गुरु सतगुरु पाये ।
मन बिच हरख बढ़ो री ॥ १ ॥
बिरह अनुराग रंग घट भरिया ।
गुरु पर छिड़क रहूँ री ॥ २ ॥
उमँग अबीर गुलाल प्रेम का ।
गुरु चरनन पर आन मलूँ री ॥ ३ ॥
प्रेम दान बिनती कर माँगूँ ।
तन मन धन सब वार धरूँ री ॥ ४ ॥
शब्द रूप प्यारे राधास्वामी का ।
घट में दरस करूँ री ॥ ५ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-14- पृ.सं.304)*
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