आज का बचन / बसंत
प्रेम समाचार / (परम गुरु सरकार साहब) बसंत
माघ सुदी पंचमी, जो बसंत-पंचमी के नाम से प्रसिद्ध है, हिन्दुओं में एक मुबारक दिन माना जाता है और सुख व ख़ुशी के मौसम का अगुआ समझा जाता है। संतों ने भी मालिक के इस संसार में आने के समय की उपमा बसंत ऋतु से दी है। परम पुरुष पूरन धनी स्वामीजी महाराज ने पहले ही आरती के शब्द में सारबचन में फ़रमाया है-
चलो री सखी मिल आरत गावें।
ऋतु बसंत आये पुरुष पुराने।
जिस अपार दया मेहर की प्राप्ति की आशा संतों के इस संसार में आने से उत्पन्न होती है बेशक वही भक्तजनों के वास्ते सच्ची परमार्थी बसंत ऋतु है और इस मनोहर उपमा के सिलसिले में बसंत भक्त-मंडली में भी एक सुहावना दिन है, मगर जो भारी महिमा इस दिन को हुज़ूर राधास्वामी दयाल ने बख़्शी है उसके कारण सतसंगियों के वास्ते तो यह दिन महा आनन्द व बिलास का है। परम दाता स्वामीजी महाराज ने संदेश जगत उद्धार का पहले पहल इसी दिन प्रगट फ़रमाया और इसी दिन से आम सतसंग जारी हुआ। हमेशा यह परम शुभ दिन पूर्ण उमंग व प्रेम के साथ आरती, पूजा, अभ्यास में सर्फ़ करने योग्य है।
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