*रा धा स्व आ मी!
11-08-22-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा शब्द पाठ:-
तुम अब ही गुरु से मिलो ।
जगत की लज्या तजो ॥ १ ॥
सतसँग उनका करो प्रेम से।
जग से आज भजो ॥ २ ॥
दया लेव उनकी तुम हर दम ।
सूरत चरन सजो ॥ ३ ॥
बिरह अंग ले अधर चढ़ाओ ।
शब्द शब्द सँग आज गजो ॥४ ॥
मेहर दया सतगुरु की लेकर ।
रा धा स्व आ मी चरनन जाय रजो ॥ ५ ॥
(प्रेमबानी-4-शब्द-5- पृ.सं.64)*
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