🌺राधास्वामी🌺
लोग अपने बच्चों के नाम रखते समय यह खयाल नहीं करते कि बच्चों के दिल और दिमाग पर नाम का बड़ा असर पड़ता है,
जो जी में आया नाम धर देते हैं,
अंग्रेजों में स्टोन, बुल्फ, ब्लैक, ब्राउन, वगैरह बेहुदा नाम है,
हिन्दुस्तानियों में, झाडुमल, कूड़ामल, खोताराम,बुद्धराम, नत्थू वगैरह बेहुदा नाम है,
हमें चाहिए कि इस उसूल को हमेशा ध्यान रखें,
यहा तक कि अपने मकानों मोहल्ले वगैरह के नाम भी परमार्थी रखें,
अगर मुमकिन हो तो कपडों के नाम भी ऐसे रखें कि जिनके जवान से उच्चारण करने या कान से सुनने पर मालिक की याद आवे या परमार्थी खयालात दिल में जागे,
अगर बच्चों व चीजों के परमार्थी नाम हो तो
उनके पुकारने व सुनने पर जरुर तवज्जो मालिक की तरफ होगी, और मन को परमार्थ की याददिहानी होती रहेगी,
🙏 परम गुरु हुज़ूर सर साहब जी महाराज रोजाना
बाकियात डायरी भाग एक, 12-12-1930🙏
परम गुरु हुज़ूर सर साहब जी महाराज ने आज से लगभग 92 साल पहले यह फरमाया था,
मगर आज भी हम सतसंगी लोग अपने बच्चों का नामकरण उन्ही पुरानी रस्मों रिवाज से करते हैं,
खास करके गाँव देहात की ब्रांचों के अंदर, पंडित जी बुलाऐ जाते हैं हवन पुजा होती और नाम रखें जाते हैं,
और मुल नक्षत्र देखें जाते हैं, और पंडित जी अपने इशारों पर नचाते है,
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