Sunday, April 3, 2022

चैती छठ पर दुर्लभ संयोग



चैती छठ पर ग्रह-गोचरों का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसमें आदित्य योग, गजकेसरी योग, लक्ष्मी-नारायण योग, रवियोग और सर्वार्थ सिद्धि योग शामिल हैं. 

मंगलवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रतियों ने नहाय-खाय कर चार दिवसीय व्रत का संकल्प लिया. बुधवार को सौभाग्य योग में पूरे दिन निर्जला उपवास के बाद व्रती संध्या में सूर्य की आराधना कर दूध, गुड़, अरवा चावल से बने प्रसाद को ग्रहण कर 36 घंटे का उपवास आरंभ करेंगी.

भगवान भास्कर को गुुुरुवार को रवियोग में सायंकालीन अर्घ और शुक्रवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में उदीयमान सूर्य को अर्घ देकर व्रती संकल्पित अनुष्ठान संपन्न कर पारण करेंगी. खरना का प्रसाद ईख के कच्चे रस या  गुड़ से बनता है. मान्यता है कि इससे त्वचा रोग, आंख की पीड़ा और  शरीर के दाग-धब्बे समाप्त हो जाते हैं.

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