भारत में प्रिंस चार्ल्स बसाएँगे बस्तियाँ
कल्याणकारी कार्यों में लगी ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस चार्ल्स की संस्था 'प्रिंसेज़ फांउडेशन' ने भारत में कम आय वर्ग के लोगों के लिए पर्यावरण के अनुकूल दो आदर्श बस्तियाँ बसाने की घोषणा की है.
इसके साथ ही मुंबई में प्रिंसेज़ फाउंडेशन का कार्यालय भी खुल गया है जो ब्रिटेन से बाहर फ़ाउंडेशन का पहला स्थायी दफ़्तर है.
फ़ाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैंक डिटिमर ने बताया है कि 'मॉडल टाउनशिप' की यह परियोजना अभी विचार के स्तर पर ही है और इसके ठोस रूप लेने में कुछ समय लगेगा.
फ़ाउंडेशन की प्रवक्ता जोआना हिंडली ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में बताया कि 25 एकड़ ज़मीन पर बसाई जाने वाली इन दो बस्तियों के लिए बंगलौर और कोलकाता के नाम पर विचार किया जा रहा है.
हम चाहते हैं कि भारत योजना के स्तर पर ही पर्यावरण के अनुकूल शहरी विकास को बढ़ावा दे, हमारी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की सूची में भारत का नाम जुड़ना हमारे के लिए ख़ुशी की बात है
हैंक डिटिमर, सीईओ
उन्होंने बताया कि इन बस्तियों में वर्षा का पानी जमा करने और सौर ऊर्जा से बिजली की सप्लाई करने जैसे पहलुओं के अलावा कई ऐसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा जिनसे पर्यावरण पर पड़ने वाला बोझ कम होगा.
फाउंडेशन का कहना है कि भारत में इस परियोजना के लिए कई स्तर पर बातचीत चल रही है लेकिन 'अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.'
मुंबई में दफ़्तर
मुंबई में खुले दफ़्तर का उद्देश्य सामान्य कल्याणकारी कार्यों के अलावा भारत में पर्यावरण के अनुकूल बस्तियाँ बसाने को प्रोत्साहन देना होगा.
'प्रिंसेज़ फाउंडेशन'की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैंक डिटिमर ने कहा, "भारत एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है, भारत में बहुत बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य जारी है, इसी को देखते हुए भारतीय उपमहाद्वीप में क़दम रखने का फ़ैसला किया है."
मुंबई स्थित कार्यालय के ज़रिए शिक्षा, रिसर्च और विकास के कामों पर ध्यान दिया जाएगा.
प्रिसेंस फाउंडेशन दुनिया के कई देशों में कल्याणकारी योजनाएँ चलाता है जिनमें भारत भी शामिल है.
हैंक डिटिमर ने कहा, "हम चाहते हैं कि भारत योजना के स्तर पर ही पर्यावरण के अनुकूल शहरी विकास को बढ़ावा दे, हमारी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की सूची में भारत का नाम जुड़ना हमारे के लिए ख़ुशी की बात है."
हैंक डिटिमर ने कहा, "हम चाहते हैं कि भारत योजना के स्तर पर ही पर्यावरण के अनुकूल शहरी विकास को बढ़ावा दे, हमारी अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं की सूची में भारत का नाम जुड़ना हमारे के लिए ख़ुशी की बात है."
प्रिंस चार्ल्स की टाउन प्लानिंग और वास्तुकला में गहरी रुचि है, उन्होंने पर्यावरण के प्रति अपने विचारों के अनुरूप इंग्लैंड के शहर डोरचेस्टर के निकट पाउंडबरी में
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