भारत की जनसंख्या पांच गुना बढी
विश्व जनसंख्या दिवस का इस वर्ष का विषय है- हर एक महत्वपूर्ण। जनसंख्या दिवस का मकसद अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना है। भारत में लोगों को जनगणना और जनसंख्या के आंकड़े जुटाने में सहयोग देने के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया जायेगा। अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या दिवस की शुरूआत संयुक्तराष्ट्र विकास कार्यक्रम ने 1989 जनवरी में की थी। इसका उद्देश्य परिवार कल्याण, स्त्री-पुरूष समानता, गरीबी, मातृत्व स्वास्थ्य और मानव अधिकार जैसे मुद्दों पर जन-जागरूकता में वृद्धि करना है।स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के जनसंख्या स्थिरता कोष की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले सौ वर्षों में भारत की जनसंख्या पांच गुना बढ़ गई हैं और वर्ष 2050तक भारत की जनसंख्या चीन से ज्यादा हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर मौजूदा दर से ही आबादी बढ़ती रही, तो अगले पचास वर्षों में हमारी जनसंख्या दो गुनी हो जाएगी, जिसके कारण विकास का लक्ष्य हासिल करना असंभव हो जाएगा।पिछले पांच वर्षों में भारत में जनसंख्या की वृद्धिदर एक दशमलव चार प्रतिशत रही है, जबकि चीन में यह दर शून्य दशमलव छह फीसदी रही।
पिछले वर्ष भारत की जनसंख्या एक सौ 19 करोड़ 80 लाख, चीन की एक सौ 34 करोड़ 50 लाख और पाकिस्तान की 18 करोड़ थी। वर्ष 2050 तक भारत की जनसंख्या एक सौ 61 करोड़ 38 लाख हो जाएगी, जबकि चीन की जनसंख्या एक सौ 41 करोड़ 70 लाख ही रहेगी। एक रोचक तथ्य यह है कि भारतीय उप-महाद्वीप में सबसे ज्यादा वृद्धि दर पाकिस्तान की रही है, जहां पिछले पांच वर्षों में दो दशमलव दो प्रतिशत की दर से आबादी बढ़ी है। वर्ष2026 तक, भारत की जनसंख्या में 37 करोड़ दस लाख लोगों की वृद्धि होगी। यह बढ़ोतरी उत्तर प्रदेश में 22 प्रतिशत, बिहार में 8 प्रदेश, उत्तराखंड में एक प्रतिशत, दक्षिण के चार राज्यों में 13 प्रतिशत और मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में सात-सात प्रतिशत होगी।एक मजेदार बात यह है कि भारत के कई राज्यों की जनसंख्या कई देशों की कुल आबादी के बराबर है। सबसे कम जन्म दर और शिशु मृत्यु दर की दृष्टि से, केरल देश का अग्रणी राज्य बना हुआ है। केरल की कुल आबादी तीन करोड़ तीस लाख हैं और यहां यूरोप और अमेरिका की ही तरह जन्म दर बहुत कम है। सामाजिक विकास के लिहाज से भी देश में केरल का स्थान पहला है।
पिछले वर्ष भारत की जनसंख्या एक सौ 19 करोड़ 80 लाख, चीन की एक सौ 34 करोड़ 50 लाख और पाकिस्तान की 18 करोड़ थी। वर्ष 2050 तक भारत की जनसंख्या एक सौ 61 करोड़ 38 लाख हो जाएगी, जबकि चीन की जनसंख्या एक सौ 41 करोड़ 70 लाख ही रहेगी। एक रोचक तथ्य यह है कि भारतीय उप-महाद्वीप में सबसे ज्यादा वृद्धि दर पाकिस्तान की रही है, जहां पिछले पांच वर्षों में दो दशमलव दो प्रतिशत की दर से आबादी बढ़ी है। वर्ष2026 तक, भारत की जनसंख्या में 37 करोड़ दस लाख लोगों की वृद्धि होगी। यह बढ़ोतरी उत्तर प्रदेश में 22 प्रतिशत, बिहार में 8 प्रदेश, उत्तराखंड में एक प्रतिशत, दक्षिण के चार राज्यों में 13 प्रतिशत और मध्य प्रदेश तथा राजस्थान में सात-सात प्रतिशत होगी।एक मजेदार बात यह है कि भारत के कई राज्यों की जनसंख्या कई देशों की कुल आबादी के बराबर है। सबसे कम जन्म दर और शिशु मृत्यु दर की दृष्टि से, केरल देश का अग्रणी राज्य बना हुआ है। केरल की कुल आबादी तीन करोड़ तीस लाख हैं और यहां यूरोप और अमेरिका की ही तरह जन्म दर बहुत कम है। सामाजिक विकास के लिहाज से भी देश में केरल का स्थान पहला है।
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