Wednesday, December 29, 2010

फतेहपुर शहर


.गर्म गोश्‍त के सौदागरों के हवाले फतेहपुर शहर

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फतेहपुर शहर इन दिनों गर्म गोश्‍त के सौदागरों के हवाले हो चुका है। ऐसा नही कि इसकी कानों-कान खबर इलाकाई पुलिस व समाज के ठेकेदारों को न हो, फिर भी दोनों के दोनों ठेकेदार समाज में लगते जंग से पूरी तरह मुंह फेरे हुए हैं। सौदागरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि इसके लिए उन्होंने पूरा का पूरा नेटवर्क (ढांचा) बना रखा है। एक ओर जहां गांवों और दूसरे शहरों से लडकियों के लाने वाले लोग अलग तैनात कर रखे गये हैं। वहीं ग्राहकों को फंसाने और सौदा पटाने के बाद ठिकाने तक पहुंचा देने पर पूरा नियंत्रण सौदागरों के हाथ आ जाता है। गरीबी और बेरोजगारी की आड़ में दूर-दराज के गांव से झांसा देकर लड़कियों को शहर लाया जा रहा है और उनका शोषण किया जा रहा है। एक बार देह व्यापार के इन सौदागरों के जाल में फंसी लड़की लाख चाहने के बावजूद नही निकल पाती है।
गांव से आयी लडकियों को शहर के एकान्त और सुनसान वाली जगह पर बने मकानों में रखा जाता है और वहीं पर उनका पूरा का पूरा नेटवर्क संचालित किया जाता है। ऐसी लडकियों का सर्वाधिक उपभोग शहर के भीतर के खाली पड़े उन मकानों में भी किया जा रहा है। जिनकी कई-कई कोठियां है और वह पूरी तरह से खाली है। शहर के आवास विकास कालोनी, पथरकटा चौराहा, आबूनगर, मसवानी, शांतिनगर, राधानगर, वर्मा तिराहा, जयराम नगर, जोनिहा चौराहा, तहसील रोड इलाकों में गर्म गोश्‍त के व्यवसायियों ने अपना ऐसा मकड़जाल बिछाया है कि उससे वे जहां अपने ढांचे को सुरक्षित बनाये रखे हैं, वहीं रातों-रात अमीर होने के सपने सजो रहे हैं।
शहर के कुछ होटल और लाजों के साथ-साथ राष्‍ट्रीय राज्य मार्ग के ढाबे भी देह व्यापार के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। वैसे भी राष्‍ट्रीय राज्य मार्ग के किनारे के ढाबे संगठित अपराधों के लिए बदनाम रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण फतेहपुर का नशेमन होटल है, जिसके संचालक को भाई सहित पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट तामिल कर उनके संपत्ति को कुर्क करने कार्यवाही शुरू कर दी है। स्टेशन रोड पर स्थित एक होटल पर पिछले दिनों देह व्यापार का एक मामला पकड़े जाने पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। इस मामले में शहर का एक लेखपाल भी छापे के दौरान पकड़ा गया था। देह व्यापार से जुड़ी बहुचर्चित कालगर्ल मोना सिंह की कथित हत्या से अभी हुसेनगंज पुलिस उबर भी नही पायी कि पुलिस के पास शहर के संचालित कई ठिकानों और लाई जाने वाली लड़कियों के बावत व्यापक जानकारी हासिल हुई है। लेकिन पुलिस कार्यवाही करने से कतरा रही है।
देह व्यापार के इन संगठित गिरोहों में युवा चेहरे अधिक है। लेकिन कौन कहता है कि बूढ़े इश्‍क नही करते क्योंकि इस घिनौने व्यवसाय में उनकी भी अच्छी खासी भागीदारी देखी जा रही है। इस धन्धे में लाई जाने वाली लड़कियों की औसत आयु बीस से तीस के बीच हैं। इनमें कुछ उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही लडकियां भी है। जो पांच सौ से लेकर पांच हजार रूपये तक रोजाना कमा रही हैं। फिर भी उनके अभिभावक यदि यह नहीं पूछ रहे कि उनके पास इतनी बड़ी रकम कहां से आयी तो साफ है कि वे सब कुछ जानते हुए भी आर्थिक आपाधापी के बीच अनजान व खामोश हैं। जो अभिभावक अपनी लड़कियों की फीस जुटाने में हलकान है, उस लड़की के पास मोबाइल व उसका अनाप-सनाप खर्चा कहां से आ रहा है। इसको जाननने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं.
फतेहपुर से पीएन त्रिपाठी की रिपो

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