*राधास्वामी!
27-01-2022-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा पाठ:-
निरखो निरखो सखी ऋतु आई बसंत ।
खोज करो घर आदि अंत ॥ १ ॥
देखो देखो सखी यह जग लबार ।
धोखा दे रहा मन गँवार॥ २ ॥ खोजो खोजो सखी सतगुरु दयार ।
करम भरम सब दें निकार ॥ ३ ॥
पकड़ो पकड़ो सखी तुम उनकी बाँह ।
उन बिन रक्षक नहिं जग माहिं ॥ ४ ॥
धारो धारो सखी तुम उनकी सरन ।
सुरत शब्द ले भौ तरन ॥ ५ ॥
धाओ धाओ सखी सुन सुन्न की धुन ।
छिन में मिट जायँ पाप और पुन्न ॥ ६।।
चलो चलो सखी सतगुरु की लार । पहुँचो राधास्वामी पद दयार ॥ ७ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-6- पृ.सं.286,287)*
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