*राधास्वामी!
19-01-2022-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा शब्द पाठ:- *राधास्वामी! 19-01-2022-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा शब्द पाठ:- चरन में राधास्वामी करूँ पुकार |
सरन दे लीजे मोहि उबार ॥ १ ॥ बहुत दिन भटकी भरमन में । नेष्ठा धारी करमन में ॥ २ ॥ सुमिर रही बहु दिन किरतम नाम । भेद बिन सरा न कोई काम ॥ ३ ॥ दया हुई चरनन में आई । भेद निज घट का यहाँ पाई ॥ ४ ॥ प्रीति मेरी सेवा में लागी । शब्द धुन सुन सूरत जागी ॥ ५ ॥ परख कर तोड़ जगत की प्रीत । करूँ नित सतसँग घर परतीत ॥ ६ ॥ दया ले मन इंद्री रोकूँ । शब्द सुन मन सूरत पोखूँ ॥ ७ ॥ टेक राधास्वामी हिरदे धार । आस सब जग की देउँ निकार ॥ ८ ॥ भजन कर मगन रहूँ मन में । नाम गुरु सुमिरूँ छिन छिन में ॥ ९ ॥ दया कर राधास्वामी परम उदार । करें मेरा बेड़ा इक दिन पार ॥१०॥ (प्रेमबानी-3-शब्द-7- पृ.सं.278,279)* . पुकार |
सरन दे लीजे मोहि उबार ॥ १ ॥
बहुत दिन भटकी भरमन में ।
नेष्ठा धारी करमन में ॥ २ ॥
सुमिर रही बहु दिन किरतन नाम ।
भेद बिन सरा न कोई काम ॥ ३ ॥
दया हुई चरनन में आई ।
भेद निज घट का यहाँ पाई ॥ ४ ॥
प्रीति मेरी सेवा में लागी ।
शब्द धुन सुन सूरत जागी ॥ ५ ॥
परख कर तोड़ जगत की प्रीत ।
करूँ नित सतसँग घर परतीत ॥ ६ ॥
दया ले मन इंद्री रोकूँ ।
शब्द सुन मन सूरत पोखूँ ॥ ७ ॥
टेक राधास्वामी हिरदे धार ।
आस सब जग की देउँ निकार ॥ ८ ॥ भजन कर मगन रहूँ मन में ।
नाम गुरु सुमिरूँ छिन छिन में ॥ ९ ॥
दया कर राधास्वामी परम उदार ।
करें मेरा बेड़ा इक दिन पार ॥१०॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-7- पृ.सं.278,279)
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