**राधास्वामी!!30-06-2021- आज सुबह सतसंग में पढा जाने वाला दूसरा पाठ:-
गुरु प्यारे का कर दीदारा, घट प्रीति जगाय।।टेक।।
गुरु दर्शन की महिमा भारी। छिन में कोटिन पाप नसाय। जिव काज बनाय।१।
बिरही जन कोइ जानें रीति। जस दरपन में दरस दिखाय। हिये रुप बसाय।२।
ऐसी लगन लगाव़े जो जन। छिन छिन रहें गुरु चरन समाय। घट आनंद पाय।३।
चरन भेद ले सुरत चढावें। दरशन रस ले रहें तृप्ताय। धुन शब्द सुनाय।४।
मेहर करें गुरु राधास्वामी प्यारे। एक दिन लें निज चरन लगाय। धुर घर पहुँचाय।५।
(प्रेमबानी-3-शब्द-16-पृ.सं.83,84)**
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