हर शब ये फ़िक्र चाँद के हाले कहाँ गए,
हर सुबह वो ख़्याल, वो उजाले कहाँ गए।।
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हमारे जीवन के सबसे पहले शिक्षक होते हैं हमारे माता-पिता । संघर्षरत जीवन में भी बच्चों के मन मुताबिक अपना पूरा प्यार दुलार लुटाकर , हम सभी बच्चों को एक राह दिखाकर, आप दोनों बड़े ही मान, सम्मान एवं अभिमान के साथ जीवन जीकर चले गए। पापा बडे़ गर्व से कहते थे,हमारे बच्चे जीवन की आपा-धापी से कितने भी प्रभावित हों , फिर भी हमारे संस्कार उन्हें बिगड़ने नहीं देंगे और वे अच्छे इंसान बनेंगे। इंसानियत का पाठ हमने अपने बड़े ही कोमल कलाकार हृदय वाले अपने पापा से पढ़ा। याद तो आपकी आती है, आँखें नम भी होती हैं पर जाने वाले कहाँ आते हैं? अब सिर्फ आपकी यादें हमारी अमानत हैं और हमारी खुशियों का ख़ज़ाना। नि:संदेह आपके आशीर्वाद से हम सभी बच्चे आलोकित हैं।
आज आप दोनों की शादी की सालगिरह भी और 'फादर्स डे' भी ।
माँ और पापा आप दोनों को शत-शत कृतज्ञ नमन! ईश्वर आप दोनों को अपनी शरण में रखें।
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