🙏🙏 / राधास्वामी = सवाल एक गैर सतसंगी का सतसंगी से,
जो मै आपसे सेयर करने जा रहा हूँ यह वाक्या 2018 का है एक जिला सतसंग का
देहात की ब्रांच में आयोजन किया गया, जहाँ कम से कम 12-14 ब्रांच के सतसंगी भाई बहन और बच्चों ने भाग लीया,
सभी अपने अपने बाहन से गये,
एक ब्रांच के सतसंगी उस ब्रांच का मै नाम नहीं लेना चाहता हूं, बस से गये,
जहाँ सतसंग का आयोजन हो रहा था उसके पास में कोई गगां का घाट था और उस ब्रांच के सतसंगी अपनी बस लेकर गंगा स्नान करने के लिए गयें,
और यह बात वहाँ के गैर सतसंगी लोगों को पता चल गई ,
तो एक गैर सतसंगी ने चार पांच सतसंगीयों से यह सवाल किया
1- सवाल गैर सतसंगी का
आप यह बताईये कि राधास्वामी मत की क्या विशेषता है,
जबाब सतसंगी का
राधास्वामी मत संत मत है, इस मत में आने पर काल के जाल से छुटकारा मिल जाता है, चोरासी के चक्कर से मुक्ति मिल जाती है,
2-
सबाल गैर सतसंगी का
मैंने यह सुना है कि राधास्वामी मत बाले किसी और देवी देवताओं की पूजा नही करते हैं,
जबाब सतसंगी का
जी हाँ आपने सही सुना है, हम लोगों का इस्ट देहधारी गुरु हैं हम उन की ही पूजा करते हैं,
हमारी रीति रिवाज, सब अलग है और वह संसारी लोगों से मेल नहीं खा सकते है,
3-
सबाल गैर सतसंगी का
आप यह बताओ कि आप तो राधास्वामी मत में आ कर काल के जाल से बच गये, और आपने अपने बच्चों को काल के जाल में डाल दिया, काल के हलाले कर दिया,
आप कैसे सतसंगी हो कैसे माँ बाप हो कि अपनी ही औलाद के दुश्मन हो गये,
आपको बुरा लग रहा होगा साहब पर मै इसलिए कह रहा हूँ कि मैने सतसंगी के बच्चों को सतसंग में जाते नहीं देखा है,
मैंने सतसंगीयों के बच्चों को पुजा पाठ करते देखा है,
और आप अपने बच्चों की शादीया भी हम गैर सतसंगी लोगों की तरह करते हो,
दहेज लेते हो और देते हो,
और पंडित, हवन, पूजा पाठ, सारे रस्म रिवाज हम गैर सतसंगी जैसे करते हो,
फिर आप झुठ क्यो वोलते हो,
और साहब मै आपको ऐसे बहुत लडके और लडकीया दिखा दूं आपके कि उनकी शादीया गैर सतसंगी परिवार में हुई है और वह पुजा पाठ करते हैं और न कभी दयालबाग जाते हैं, न सतसंग जाते हैं,
आपकी बेटीयाँ आपके गैर सतसंगी दामादों के साथ मंदिर जाती है, और आपके बेटे और बहु मंदिर जाते हैं,
और आप कह रहे हो कि इस मत में आने पर काल के जाल से छुटकारा मिल जाता है चोरासी के चक्कर से मुक्ति मिल जाती है, तो कैसे मान ले कि आप सही कह रहे हो
और आपके यहाँ जब किसी का पुत्र पैदा होता है तो सारी रस्म रिवाज हमारी जैसी ही होती है,
और आपके यहाँ जब किसी की मृत्यु होती है तो सारे कर्म कांड हम गैर सतसंगी जैसे होते हैं,
पंडित, हवन, मृत्यु भोज सब कुछ होता है,
तो साहब आप दोगली बात क्यो करते हो,
सतसंगी हो कर झुठ क्यो बोलते हो,
देखो साहब मै काफी दिनों तक सतसंग में बैठा हूँ, जिज्ञासु की रीति से, तो मुझे यह सब वहाँ देखने को मिला,
तब मैंने सोचा कि हम गैर सतसंगी और इन सतसंगी में कोई अंतर नहीं है,
और मै गलत कह रहा हूँ तो मै आपको प्रमाण दे रहा हूँ कि एक बस भर कर सतसंगी गंगा जी नहा कर आये है अभी अभी और अब सतसंग करेंगे और प्रीत भोज करेंगे
तो बताओ हम गैर सतसंगी और आप सतसंगी में क्या फर्क रहा, क्या अंतर रहा,
अंतर तो साहब आपकी कथनी और करनी बहुत है,
तो सतसंगी भाईयों और बहनों और युवा बच्चों उस गैर सतसंगी के सवालों का जबाब उन चार पांच सतसंगी भाईयों के पास नहीं था,
और उनको अपनी नजरें झुकानी पडीं
इस वाक्या का अफसोस कि मैं चशमदीद था और आज भी मुझे उस गैर सतसंगी के वह सवालात पींडा देते हैं कचोंटते है क्यो कि उसके सवालों का कोई जवाब नहीं था इसलिए कि हम लोग सारे काम गैर सतसंगी जैसे करते हैं,
और जो सतसंगी बस में भर कर गंगा नहाने गये थे, जिनकी बजह से उन चार पांच सतसंगी भाईयों को अपनी नजरें झुकानी पडीं, र्समिंदा होना पड़ा, उनके लिए तो कुछ कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है,
🙏तो मेरी सभी से यह अपील है, प्रार्थना है, गुजारिश है, निवेदन है, और यह अपील मै करता रहा हूँ कर रहा हूँ करता रहूँगा कि आप सब सतसंगी भाई बहन और सतसंग का युथ इन सब बातो पर गौर करें, और जहाँ भी कोई भी ऐसी कार्यवाही करता मिले उसको फौरन रोको टोको समझाओ कि ऐसा करने से राधास्वामी दयाल की नजरों में वह सतसंगी खुद तो गिरता ही है साथ में हमारे सतसंग का स्तर भी गिरता है
🙏इस विषय में आप किसी को भी कोई राय मशवरा देना हो तो आप मुझे कभी भी कौल कर सकते हैं,,
आपका अपना
जी०एस० पाठक
6397831325
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