Wednesday, November 10, 2010

नक्सली आंगन में लोकतंत्र की खुशबू

नक्सली आंगन में लोकतंत्र की खुशबू

Nov 09, 07:05 pm
सनोज पाण्डेय/मनीष कुमार/गंगा भास्कर, औरंगाबाद
नक्सली 'आंगन' में मंगलवार को लोकतंत्र की खुशबू दिखी। नक्सलियों के वोट बहिष्कार का असर ग्रामीणों के चेहरे पर नहीं दिखा। नक्सलियों के थपेड़ों से सिसकते विशुनपुर बेसिक स्कूल मैदान में जब 1:55 बजे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे तो महादलितों की बड़ी आबादी ने हाथ हिलाकर उनका अभिवादन किया। जोरदार नारे लगाए। विकास की छटपटाहट महादलितों में दिखी। ग्रामीणों के चेहरे पर नक्सलियों के भय का लकीर नहीं दिखा और दबी जुबान से ग्रामीण कह रहे थे 'यह इलाका नक्सलियों के कारण ही विकास से अछूता रहा है।' वैसे मुख्यमंत्री की सभा को ले सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। गांव के पास स्थित पहाड़ों पर भारी संख्या में केन्द्रीय अ‌र्द्धसैनिक बल की तैनाती की गई थी। सुरक्षा की जिम्मेवारी स्वयं डीएसपी अख्तर हुसैन संभाले हुए थे। मुख्यमंत्री का भाषण सुनने गांव से पहुंची सरस्वतिया देवी, बुचनी देवी, रामरती देवी, पिंकी देवी, कमनी देवी, मनिता देवी, सतिया देवी बोली 'हमें आज तक किसी ने पूछा नहीं था अब पूछने वाला मिला है तो क्यों नहीं भाषण सुनेंगे।' अधिकांश महिलाएं अपने परिवार के साथ सभा स्थल पहुंची थीं। कई महिलाओं ने तो साफ शब्दों में कहा 'हमें वोट देना है, बहिष्कार क्या होता है हम नहीं जानते हैं।' सतिया एवं मनिता ने कहा कि मेरे घर में शिक्षा नहीं थी परंतु अब बेटी उत्प्रेरण केन्द्र में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रही है। शिक्षा के कारण हम सभी विकास की रोशनी से अब तक वंचित थे। बता दें कि देव के दक्षिणी इलाके में भाकपा माओवादी नक्सलियों की हुकूमत चलती है। नक्सलियों ने इस इलाके में नहर पर बने न सिर्फ चार पुलिया को उड़ाया है बल्कि कई विद्यालयों को भी ध्वस्त कर दिया है। विधानसभा चुनाव को ले नक्सली वोट बहिष्कार की घोषणा के साथ गांवों में पोस्टर चिपका पंपलेट बांट रहे हैं

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