पत्रकार
मैं आज तक कभी भी ये समझ नही पाया कि एक पत्रकार का क्या काम है? पहले मुझे लगता था कि उनका काम तथ्यों को जनता के सामने रखना होता है। यदि कोई घटना/दुर्घटना हुई है तो वो उसके बारे में लोगों को बताता है। पर धीरे धीरे मुझे पता चला कि उनका काम महज किसी घटना के बारे में बताना ही नही बल्कि निष्कर्ष निकालना भी उन्ही का काम है। यदि कोई murder हुआ है, तो ये बताना पत्रकार का काम है कि murder किसने किया है? किसी अदालत, पुलिस, गवाह की कोई जरूरत नही है। बाद में यदि वो व्यक्ति अदालत के द्वारा बरी कर दिया जाता है, फिर...... शायद अदालत ही दोषी है ......
कुछ और भी काम हैं पत्रकारों के, जैसे कि, ये ख्याल रखना कि संजय दत्त को जेल में खाने को क्या मिला ? सलमान खान से जेल में मिलने जब कैटरिना कैफ आयीं तो उन्होने क्या पहना था? पूछिये तो वही जबाब जो एकता कपूर देती हैं, वे लोग तो वही दिखा रहे हैं जो जनता देखना चाहती है,..... पर ये काम पहले किसी और ग्रुप का नही था?
हर इलेक्शन के पहले ये लोग एक game खेलते हैं, "EXIT POLL".... हर साल इनका %error of margin करीब १० या २० के आसपास होता है और हर बार ये उसे मात भी दे देते हैं। फिर भी, ये इस प्रथा को साल दर साल ढोए जा रहे हैं... और आश्चर्य होता है कि उसे "SCIENTIFIC" करार देते हैं।
आजकल एक और नया काम खोजा है, पत्रकार भाइयों ने, दूसरी दुनिया के सचाइयों को हमारे समक्ष रखने का। ये बताते हैं कि आत्माओं से कैसे मिला जा सकता है? भूत और प्रेत में क्या अंतर है? चुडैल और प्रेत में कौन हमारा ज्यादा बड़ा दुश्मन/दोस्त है? और अब तो स्वर्ग का रास्ता भी दिखा रहे हैं..... धन्यवाद.....
पर इन सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण जिमेदारी जो इन लोगों ने अपने नाजुक कन्धों पर उठा रखी है, वो है, नैतिकता। ऐसा लगता है कि नैतिकता आज के जमाने में सिमट कर बस इन्हें के दामन में रह गयी है। तभी तो हर छोटी बड़ी बात पर ये लोग क्या मुख्यमंत्री और क्या प्रधानमंत्री सभी को नैतिकता की सिख दे बैठते हैं। क्या करना चाहिए, कैसे करना चाहिए, सब कुछ इन्हें पता होता है। मुझे तो लगता है देश की सत्ता अब इन्हीं लोगों के हाथों में सौंप देनी चाहिए और फिर यकीं मानिए हमारी सारी समस्या देखते देखते गायब हो जायेगी।
आपको नही लगता???
कुछ और भी काम हैं पत्रकारों के, जैसे कि, ये ख्याल रखना कि संजय दत्त को जेल में खाने को क्या मिला ? सलमान खान से जेल में मिलने जब कैटरिना कैफ आयीं तो उन्होने क्या पहना था? पूछिये तो वही जबाब जो एकता कपूर देती हैं, वे लोग तो वही दिखा रहे हैं जो जनता देखना चाहती है,..... पर ये काम पहले किसी और ग्रुप का नही था?
हर इलेक्शन के पहले ये लोग एक game खेलते हैं, "EXIT POLL".... हर साल इनका %error of margin करीब १० या २० के आसपास होता है और हर बार ये उसे मात भी दे देते हैं। फिर भी, ये इस प्रथा को साल दर साल ढोए जा रहे हैं... और आश्चर्य होता है कि उसे "SCIENTIFIC" करार देते हैं।
आजकल एक और नया काम खोजा है, पत्रकार भाइयों ने, दूसरी दुनिया के सचाइयों को हमारे समक्ष रखने का। ये बताते हैं कि आत्माओं से कैसे मिला जा सकता है? भूत और प्रेत में क्या अंतर है? चुडैल और प्रेत में कौन हमारा ज्यादा बड़ा दुश्मन/दोस्त है? और अब तो स्वर्ग का रास्ता भी दिखा रहे हैं..... धन्यवाद.....
पर इन सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण जिमेदारी जो इन लोगों ने अपने नाजुक कन्धों पर उठा रखी है, वो है, नैतिकता। ऐसा लगता है कि नैतिकता आज के जमाने में सिमट कर बस इन्हें के दामन में रह गयी है। तभी तो हर छोटी बड़ी बात पर ये लोग क्या मुख्यमंत्री और क्या प्रधानमंत्री सभी को नैतिकता की सिख दे बैठते हैं। क्या करना चाहिए, कैसे करना चाहिए, सब कुछ इन्हें पता होता है। मुझे तो लगता है देश की सत्ता अब इन्हीं लोगों के हाथों में सौंप देनी चाहिए और फिर यकीं मानिए हमारी सारी समस्या देखते देखते गायब हो जायेगी।
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