इलेक्ट्रोनिक मीडिया का दायित्व
आज सूचना संचार व तकनीक के इस युग में संचार के माध्यमों का अपना विशेस महत्व है ! इन संचार माध्यमों के कारण ही आज संसार एक गावं में तबदील हो गया है ! ऐसे में इलेक्ट्रोनिक मीडिया का अपना समाजिक दायित्व बनता है की वो देश की संस्कृति के विकास में अपना एहम योगदान दे ! इन्ही में टी वी एक महतवपूर्ण माध्यम है ! इसका समाज में अपना एहम दबदबा है आज देश की लगभग ८० % लोग टी वी देखते है!और जो प्रभावित भी होती है यदि एक दिन भी केबल नही चले तो हमे ऐसा लगता है ज़ेसे आज घर का कोई सदस्य घर पर नहीं है अथवा उसकी कमी हमे खलती है ! वही दूसरी तरफ टी वी आज दिन -रात वेस्टन कल्चर का प्रचार कर रहा है, टी वी पर आज अश्लीलता ,नंगेपन की एक होड़ सी लगी है ! एक चेनल दुसरे चेनल से बढ़ कर अश्लीलता को दिखा रहा है इन चेनलों के मालिको का भी कोई दायित्व बनता होगा पर वो पेसे की चकाचोंद और टी आर पी के चकर में अपने इस दायित्व को भुला बैठे है ! पैसा ही उनके लिया सर्वस्व बना हुआ है ! आज एक-आध धार्मिक चेनल को छोड़ कर कोई भी चेनल घर के सभी सदस्यों के साथ बैठकर नहीं देखा जा सकता है! कुछ समय तक पहले तक तो न्यूज़ चेनल एक साथ बैठ कर देख सकते थे किन्तु अब ऐसा भी नहीं रहा !अब इनमे भी एक दुसरे से आगे निकलने की होड़ में दिन – ब -दिन सनसनीखेज खुलाशा होता रहते है जिनमे अश्लीलता के भाव दिखाई देता है !वहीँ इन चेनलों पर कुछेक अपराध पर आधारित प्रोग्राम में नाट्य रूपांतरण कर यह दिखाया जाता है की अपराध केसे हुआ ,जिनसे अपराधिक प्रवृति के लोगों को अपराध करने का रास्ता मिल जाता है और वो गुनाह के रास्ते पर चल पड़ते है अत ये सनसनीखेज खोज खुलासे अपराध को कम करने की बजाय उने बड़ा रहे है और इस प्रकार मीडिया खासकर इलेक्ट्रोनिक मीडिया अपने दायित्व से दूर जाता नज़र आ रहा है ! इलेक्ट्रोनिक मीडिया को अपना दायित्व निभने की सखत आवश्यकता है !
कृष्ण कुमार रणावत
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