Wednesday, November 17, 2010

हिंदी ब्लॉग विमर्श दिल्ली एक रिपोर्ट दो घंटे अच्छे बीते ये कम उपलब्धि नहीं हैं ।

हिंदी ब्लॉग विमर्श दिल्ली एक रिपोर्ट दो घंटे अच्छे बीते ये कम उपलब्धि नहीं हैं ।

१३ नवम्बर को दिल्ली मे हिंदी ब्लॉग विमर्श का आयोजन किया गया । मुख्य अतिथि श्री समीर लाल थे जो ब्लॉग जगत मे किसी भी नये ब्लॉगर के ब्लॉग पर सबसे पहले टिपण्णी देने वाले ब्लॉगर के रूप मे जाने जाते हैं । समीर लाल कनाडा के निवासी हैं और साधना जो उनकी पत्नी हैं के साथ दिल्ली आये हैं । {साधना मीट मे ना आ सकी थी }। मुख्य अतिथि के आने से पहले ही सब ने चाय और नाश्ता लेना शुरू कर दिया था !!!!!!!!!!! सो आप समझ सकते हैं कि कौन किस लिये आया !!!!!
शायद ही कोई नया ब्लॉगर होगा जो समीर को ना जानता हो । कह सकते हैं कि समीर कि usp उनका वो पहला कमेन्ट ही हैं जो वो हर ब्लॉग पर देते हैं । समीर का मानना हैं कि जब तक हिंदी ब्लॉग १० लाख का आकड़ा नहीं छुयेगे तब तक कमाई का जरिया नहीं बन सकते । समीर के हिसाब से हर वो ब्लॉग जो विवाद पर बना मिट गया हैं । समीर ने कहा कि ब्लॉग लेखन टिपण्णी के लिये नहीं करना चाहिये क्युकी जब तक आप को वो पहला कमेन्ट नहीं मिला था { यानी समीर का पहला कमेन्ट !!!!!! } तब तक आप जानते ही नहीं थे कि टिपण्णी क्या होती हैं । समीर चाहते हैं ब्लॉग कि संख्या बढाई जाये { ब्लॉग कि या ब्लॉगर कि ये उन्होंने साफ़ नहीं किया } ताकि लोगो को ब्लॉग पर विज्ञापन देने कि जरुरत हो । इसके अलावा समीर ने कहा वो किसी भी विवाद मे नहीं पड़ते और आज तक उन्होंने कभी भी कहीं भी किसी से भी ये नहीं कहा हैं वो किसी के ग्रुप मे हैं या कोई अनूप शुक्ल के ग्रुप मे हैं । उनके हिसाब से लोग खुद ये सब सोचते हैं

ग्रुप कि बात सतीश सक्सेना ने उठाई थी उन्होंने बताया था समीर के साथ कार मे आते समय इस बात पर काफी बात हुई { आधे घंटे का रास्ता था तो काफी बात अगर इस बात पर हुई तो फिर और बाते तो क्या ही हुई होगी !!!} क्युकी सतीश सक्सेना हमेशा "मध्यस्थ " बनने का मार्ग खोजते हैं सो यहाँ भी उन्होने वही कहा कि "बुरा मत देखो , बुरा मत सुनो और बुरा मत कहो " लेकिन खुद ग्रुप कि बात और अनूप शुक्ल - समीर कि दोस्ती मे विवाद को भी उन्होने ही नये ब्लॉगर के समक्ष रखा ।
बालेन्दु दाधीच जी ने तकनीक के जरिये और फिर उसके उल्ट अपनी कविता के जरिये ब्लॉग और ब्लॉगर कि बात को , महिमा को बताया । सबसे ज्यादा समय इन्होने ही लिया परन्तु समीर कि बात सुने बिना ही समय कि कमी के कारण ये बीच मे से ही चले गए !!!!!!!

जिन लोगो ने हाल मे ब्लोगिंग शुरू कि हैं वो सब जानना चाहते थे कि पहले हिंदी ब्लॉगर कौन थे पहले हिंदी ब्लॉगर अलोक थे , चिटठा शब्द भी उन्ही का बनाया हुआ हैं और चिटठा जगत के कर्णधारोमे वो भी हैं  पहली महिला ब्लॉगर पद्मजा मानी जाती हैं  ये जानकारी मुझे थी सो मैने वहाँ भी बतादी 

नए ब्लॉगर ये मानते हैं कि तकनीक कि जानकारी जरुरी हैं बहुत से ब्लॉगर तकनीक मे कमजोर हैं ।
हिंदी को आगे लाने के लिये ब्लॉग माध्यम नहीं हैं और इंग्लिश से परहेज करना सही नहीं हैं इस बात को डॉ टी एस दराल ने अनुमोदित किया । हिंदी से प्यार हमे हिंदी ब्लॉगर बनाता हैं लेकिन इंग्लिश और अन्य भाषाओ मे भी लिखना हमे मजबूत बनाता हैं ।
मेरे ये कहने पर कि ब्लॉग संख्या बढने के लिये सबको कोशिश करनी चाहिये कि अपनी पत्नी को प्रेरित करे सब को हंसी आ गयी और एक ने तो कहा कि उनकी पत्नी को ब्लॉग लेखन "बेफिजूल " लगता हैं । और फिर उन्होंने ये भी कहा कि अगर पत्नी भी ब्लोगिंग करेगी तो खाना कौन बनाये गा { अब इस के आगे मे उनसे क्या कह सकती थी उनकी पत्नी हैं वो खाना बनवाये या बर्तन धुलवाए , पत्निया शायद इसी लिये होती हैं } समीर ने जरुर ये कहा जिस को पसंद हो गा ब्लॉग वही लिखेगा ।


मीटिंग के बाद एक ही सवाल था मन मे कि जिस ब्लोगिंग को आप अपने घर मे"सम्मान " नहीं दिला सकते आप उसको विश्व ख्याति कैसे दिलवायेगे ।
मीटिंग के आयोजक बहुत ही विनर्म और शालीन थे । उन्होने अपनी तरफ से सबको पूरा सम्मान दिया। उनका शुक्रिया । बाकी कुछ ऐसा ख़ास नहीं हुआ कि कहे कि आप नहीं आये तो आप ने मिस किया। पर हां जो नहीं आये उनको हर आने वाले ने जरुर मिस किया। दो घंटे अच्छे बीते ये कम उपलब्धि नहीं हैं । 

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