Oct 14, 12:09 am
ओबरा/अम्बा(औरंगाबाद), निज प्रतिनिधि : आधुनिक युग में भी लोग अंधविश्वास के मकड़जाल में फंसते जा रहे हैं। अंधविश्वास ऐसा कि ओझा के थाप पर भूतना मेले में महिलाएं प्रेतात्माओं से लड़ने लगती हैं। चिल्लाने की आवाज आती है तो ओझा कहते हैं 'इसे भूत लगी है, बिना जीव लिए नहीं जाएगा।' ओझा के कहने पर प्रेतात्माओं से जूझ रही महिलाओं के परिजन मुर्गी का बली देते हैं। चैत एवं आश्रि्वन नवरात्र में अम्बा के महुआधाम एवं ओबरा के मनोरा में तथाकथित भूत से जूझते लोगों की भीड़ उमड़ पड़ती है। दोनों जगहों पर दूर दूर से लोग झाड़ फूंक कराने आते हैं। ओबरा के मनोरा दरगाह पर नवरात्र के पहले दिन से ही दर्जनों की संख्या में ओझा जमे हैं। संतान प्राप्ति एवं मानसिक रोग से छुटकारा के लिए यहां अधिकांश महिलाएं ही पहुंचती है। तिलौथू से आई ममता देवी, औरंगाबाद से पहुंची उर्मिला देवी, हसपुरा के कनाप से आई विमला देवी ने बताया कि हमलोग संतान प्राप्ति के लिए यहां आए हैं। सूचना मिली है कि भूतना मेला में जो भी पहुंचता है उसे संतान की प्राप्ति होती है। यहां ओझा के कई रूप दिखते हैं। वैसे मनोरा स्थित हजरत सुलेमान की दरगाह पर सालों भीड़ लगी रहती है। महुआधाम में बांस के बसाढ़ में औघर बाबा, नीम पेड़ में बूढ़ी माई, झाड़ी माई, पटनदेवी माई, दिल्ली के गौरइयां बाबा तथा कलकता की काली माई का दिव्य स्वरूप भक्त अपनी आंखों से देखते हैं। महुआधाम मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ मन्नत मांगते दिख जाती है। मां के चरणों में श्रद्धालु नारियल, चुनरी, झंडा चढ़ाते हैं। वाराणसी के सुआर डिहवार से पहुंचे उमा शंकर केशरी, उत्तर प्रदेश के सैय्यदराजा से पहुंचे हरवंश विश्वकर्मा, वंश नारायण, छतीसगढ़ से पहुंची मंजू गुप्ता ने बताया कि हम लोग यहां प्रेत बाधा से मुक्ति के लिए प्रत्येक वर्ष आते हैं
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