*राधास्वामी!
03-12-2021-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा पाठ:-
मनुआँ क्यों सोचे नाहिं ,
जग में दुख भारी ॥टेक ॥
जल्दी से उठ चेत जाग ।
सतसँग में तू जाव भाग ।
सतगुरु के चरन लाग ।
तज करम धरम सारी ॥ १ ॥
जग में कोई नाहिं मीत ।
सतसँग में धरो चीत ।
गुरु भक्ती की धार रीत ।
मत भरमे प्यारी ॥ २ ॥
सुरत शब्द उपदेश सार ।
गुरु से ले धर के प्यार ।
गुरु सरूप ध्यान धार ।
निरखो घट उजियारी ॥ ३ ॥
पिरथम लख जोत सार ।
निरखो फिर सूरज उजार ।
चंद्र रूप सुन में निहार ।
धुन मुरली धारी ॥ ४ ॥
सत्त अलख अगम निहार ।
सूरत अब हुई सार ।
राधास्वामी पद निरखा अपार ।
चरनन बलिहारी ॥ ५ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-11-
पृ.सं.233,234)**
राधास्वामी!
आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला पहला पाठ:-
देख पियारे मैं समझाऊँ।
रूप हमारा न्यारा।।(सारबचन-
शब्द-16- पृ.सं.650,651)
-(करनाल ब्राँच हरियाणा-समस्त सतसंगियों को बहुत बहुत बधाई।)🌹🌹*
*राधास्वामी! आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला तीसरा पाठ:-
सखी री मेरे राधास्वामी प्यारे री।
वोहि मेरी आँखों के तारे री।।
(प्रेमबानी-1-शब्द-9- पृ.सं.87,88)
(विद्युतनगर मोहल्ला)🌹🌹**
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