**राधास्वामी!
20-12-2021-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा पाठ:-
मोहि दरस देव गुरु प्यारे ।
क्यों एती देर लगइयाँ ।।१।।
मैं माँगत माँगत थकियाँ ।
कोई जतन पेश नहिं जड़याँ ॥ २ ॥
बिन दया तुम्हारी दाता ।
यह जीव कहा कर सकियाँ ॥ ३ ॥
अब परदा देव उठाई |
तुम दरशन छिन छिन तकियाँ ॥ ४ ॥
मन इंद्री ज़ोर चलावत ।
जब तब मोहि नाच नचइयाँ ॥ ५ ॥
दूतन से बस नहिं चालत ।
मैं रहूँ नित्त मुरझइयाँ ॥ ६ ॥
निज मन से खँट छुड़ाओ ।
मेरी सूरत गगन चढ़इयाँ।।७।।
सुन में लख चंद्र उजारा।
हंसन सँग केल करइयाँ ॥ ८॥
मुरली धुन गुफा सम्हालूँ ।
सतपुर जाय बीन बजइयाँ।।९।।
लख अलख अगम दरबारा। राधास्वामी चरन समइयाँ ॥१० ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-7-
पृ.सं.251,252)**
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