**राधास्वामी!
09-12-2021-आज सुबह सतसँग में पढ़ा जखने वाला दूसरा पाठ:-
चलो प्रेम सभा से मिलो री सखी।।टेक।।
जहाँ राधास्वामी भक्ती रीत जनाय खोल कर ।
शब्द की महिमा सुनाय रहे ॥ १ ॥
प्रेमी जन जहाँ हिल मिल चालें ।
गुरु चरनन चित लाय रहे ॥ २ ॥
तन मन धन गुरु चरनन वारत ।
नई नई उमँग जगाय रहे ॥ ३ ॥
प्रीति प्रतीति बढ़ावत दिन दिन ।
नई नई सेवा लाय रहे ॥ ४ ॥
गुरु को पल पल माहिं रिझावत ।
राधास्वामी चरन समाय रहे ॥ ५ ॥
(प्रेमबानी-3-शब्द-1-
पृ.सं.250)
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