**राधास्वामी!
08-12-2021-आज सुबह सतसंग में पढ़ा जाने वाला दूसरा पाठ:-
प्यारी क्यों सोच करे ,
प्यारे राधास्वामी तेरे सहाई ॥टेक ॥
जब से गुरु दरस पाय ।
सतसँग में लगी धाय ।
बचन रहे उन चित समाय ।
गही राधास्वामी सरनाई ॥ १ ॥
सतसँग की निरखत बहार ।
दिन दिन हिये में बढ़त प्यार ।
करम धरम दिये निकार ।
घट होत सफ़ाई ॥ २ ॥
सुरत शब्द अभ्यास सार ।
नित्त कमावत यही कार ।
मन के गये सब बिकार ।
गुरु की दया पाई ॥ ३ ॥
सतगुरु हुए अब दयाल ।
घट में सुनाई धुन रसाल।
काल करम का काटा जाल ।
सुरत अधर जाई ॥ ४ ॥
बेनी अश्नान कर।
सतपद लखा चढ़ अधर।
राधास्वामी चरनन ध्यान धर।
निज घर में आई ।।५।।
(प्रेमबानी-3-शब्द-16-
पृ.सं.239,240)
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